Pakistan Ceasefire Violation: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारत के साथ युद्ध विराम का स्वागत किया, युद्ध विराम शब्द का जिक्र किए बिना, उसके कुछ ही मिनटों बाद पाकिस्तानी सेना ने भारतीय क्षेत्र में गोलाबारी और ड्रोन भेजना शुरू कर दिया. क्या जनरल असीम मुनीर युद्ध विराम की उन शर्तों से सहमत नहीं थे, जिन पर शरीफ सरकार सहमत हुई होगी? क्या भ्रम, विरोधाभासों और तख्तापलट की भूमि पाकिस्तान में सब कुछ ठीक है? जिस देश की सेना और सरकारल में तालमेल ना हो उस देश के बारे में क्या ही कहना. सरकार कुछ कह रही है और सेना कुछ. कहना गलत नहीं होगा कि सेना की कठपुतली है वहां की सरकार.
पाकिस्तान सी का देश है - भ्रम, विरोधाभास और तख्तापलट. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा भारत के साथ युद्ध विराम पर एक पोस्ट साझा करने के कुछ ही मिनटों बाद, पाकिस्तानी सेना ने भारतीय क्षेत्र में गोले दागकर और ड्रोन भेजकर समझौते का उल्लंघन किया.
तीन दिनों तक भारत और पाकिस्तान में तनातनी का माहौल बना रहा है. भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम समझौते की घोषणा भारतीय पक्ष द्वारा की गई. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट किया कि कैसे रात भर चली बातचीत के बाद यह मुश्किल समझौता हुआ . हालांकि, पाकिस्तानी पक्ष की ओर से कोई आधिकारिक ब्रीफिंग नहीं की गई - न तो इस्लामाबाद में नागरिक सरकार की ओर से और न ही रावलपिंडी मुख्यालय की ओर से. इसकी आधिकारिक स्वीकृति पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक्स.
शरीफ ने कहा, "हम क्षेत्र में शांति के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व और सक्रिय भूमिका के लिए उनका आभार व्यक्त करते हैं. पाकिस्तान इस परिणाम को संभव बनाने के लिए अमेरिका की सराहना करता है, जिसे हमने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के हित में स्वीकार किया है."
चौकी से कुछ ही मिनटों के भीतर पाकिस्तानी सेना ने भारत में गोलाबारी और ड्रोन भेजकर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया.
यह कोई रहस्य नहीं है कि पाकिस्तान में वास्तविक सत्ता का दलाल सैन्य ताकतों का ही रहा है, जिसका लोकतंत्र के मामले में रिकॉर्ड बहुत खराब रहा है.
यह सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ही थे जिन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान को हटाकर एक नाटकीय चुनाव के बाद शरीफ को प्रधानमंत्री बनाया था.
अगर शहबाज शरीफ प्रधानमंत्री हैं तो यह जनरल मुनीर के आशीर्वाद की वजह से है. सैन्य प्रमुख कभी भी शरीफ के पैरों के नीचे से कालीन खींच सकते हैं.
भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि संघर्ष विराम शनिवार को भारतीय समयानुसार शाम 5 बजे लागू हो गया.
मिस्री की ब्रीफिंग और शरीफ की पोस्ट के विवरण के कुछ ही घंटों बाद, पाकिस्तान ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर कई स्थानों पर सीमा पार से गोलाबारी करके संघर्ष विराम समझौते का उल्लंघन किया.
चार राज्यों - जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में ड्रोन देखे गए. श्रीनगर में रात में धमाके की आवाज को सुना गया है. इसके बाद ब्लैकआउट किया गया है. पोखरण और बारामुल्ला में एक ड्रोन को मार गिराया गया है.
1958 में जनरल अयूब खान, 1977 में जनरल जिया-उल-हक और 1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने जनरल मुनीर के लिए आदर्श स्थापित किया. दरअसल, मुनीर को जिया 2.0 के तौर पर देखा जा रहा है.
हालांकि निर्वाचित नेता शरीफ अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से महत्वपूर्ण ऋण के लिए युद्ध विराम पर सहमत हो सकते थे, लेकिन जनरल मुनीर इससे बहुत सहज नहीं थे.
मुनीर के लिए युद्ध विराम पर काम करना बहुत मुश्किल होता, और उनके पास सैन्य लाभ के रूप में दिखाने के लिए कुछ खास नहीं था. भारत ने कहा कि इससे पाकिस्तानी रक्षात्मक और आक्रामक क्षमताएं कमज़ोर हो गईं और उसने अपनी शर्तों पर युद्ध विराम पर सहमति जताई.
याद कीजिए, यह जनरल मुशर्रफ ही थे जिन्होंने 1999 में तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की सरकार के खिलाफ तख्तापलट किया था, जब उन्होंने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाले भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया था. मुशर्रफ ने शरीफ को अपदस्थ कर दिया और पाकिस्तान में मार्शल लॉ लागू कर दिया.
बिगड़े रहे हालात से लग रहा है कि शहबाज शरीफ की गद्दी खतरे में हैं. लेकिन कब क्या हो जाए ये कोई नहीं जानता है. लेकिन एक बात पक्की है. विरोधाभासों, उलझनों और तख्तापलटों की धरती पाकिस्तान में कुछ भी असंभव नहीं है.