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India Daily

India Germany Relations: ट्रंप की अपील को जर्मनी ने ठुकराया, भारत संग रिश्ते और गहरे करने का ऐलान

भारत ने ट्रंप प्रशासन के 50% टैरिफ पर कड़ी आपत्ति जताई है. भारत का कहना है कि यूरोप और चीन दोनों रूस से ऊर्जा खरीद रहे हैं, लेकिन उन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया. केवल भारत को टारगेट करना अनुचित है.

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Edited By: Reepu Kumari
India-Germany Relations
Courtesy: Pinterest

India Germany Relations: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर टैरिफ अटैक करके साफ कर दिया  है कि उनकी मंशा क्या है. इतना ही नहीं बल्कि वो दूसरे देशों पर भी दबाव बना रहे हैं कि वो भारत के साथ अपने रिश्तों को खराब करें. जैसे ट्रंप ने भारत पर ज्यादा टैरिफ लगाया वो बाकी देश भी वही करे. भारत पर दबाव मनाए. लेकिन भारत ने भी इतने साल तक सिर्फ चने नहीं खाए हैं. भारत के अगर 2 दुश्मन हैं तो 10 दोस्त भी हैं. पूरी दुनिया जानती है कि भारत इस वक्त व्यापार के लिए दूसरा सबसे बड़ा मार्केट है. इसलिए ज्यादातर देश भारत के साथ अपने रिश्तों को खराब करने से बच रहे हैं.

ट्रंप की टैरिफ नीति ने वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है. कई देश अब खुले तौर पर अमेरिकी दबाव का विरोध कर रहे हैं. इसी कड़ी में जर्मनी ने साफ कर दिया है कि वह भारत पर किसी तरह के अमेरिकी प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं है. बल्कि, उसने यह संदेश दिया है कि भारत के साथ दोस्ती और रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया जाएगा.

जर्मनी के विदेश मंत्री ने क्या कहा?

जर्मनी के विदेश मंत्री जोहान डेविड वेडफुल के भारत दौरे के दौरान यह बयान खास मायने रखता है. ट्रंप प्रशासन ने यूरोप से अपील की थी कि वे भारत पर सेकेंडरी टैरिफ और रूस से तेल खरीदने पर रोक जैसी पाबंदियां लगाएं. हालांकि, जर्मनी ने इस अपील को खारिज करते हुए भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र का अहम साझेदार बताया.

भारत-जर्मनी संबंधों में नया अध्याय

विदेश मंत्री वेडफुल ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और तेजी से उभरती ताकत है. हमारे राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्ते बेहद गहरे हैं और इन्हें आगे और मजबूत किया जाएगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में निर्णायक भूमिका निभा रहा है.

अमेरिका की नाराजगी के बावजूद भारत को समर्थन

व्हाइट हाउस चाहता था कि यूरोप भी भारत पर वही प्रतिबंध लगाए जो अमेरिका ने रूस से तेल खरीद पर लगाए हैं. लेकिन जर्मनी का साफ कहना है कि वह इस मामले में भारत के साथ खड़ा रहेगा और किसी तरह के दबाव में नहीं आएगा.

भारत का कड़ा रुख

भारत ने ट्रंप प्रशासन के 50% टैरिफ पर कड़ी आपत्ति जताई है. भारत का कहना है कि यूरोप और चीन दोनों रूस से ऊर्जा खरीद रहे हैं, लेकिन उन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया. केवल भारत को टारगेट करना अनुचित है.

रणनीतिक साझेदारी का विस्तार

जर्मनी ने कहा कि भारत के साथ साझेदारी सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि रक्षा, टेक्नोलॉजी और व्यापार में भी नए अवसर तलाशे जाएंगे.