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India Daily

भारत ने UNSC में पाकिस्तान को जमकर लताड़ा, अफगान नागरिकों पर हवाई हमलों को बताया गंभीर उल्लंघन

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में किए गए हवाई हमलों की कड़ी निंदा की. भारत ने कहा यह अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन है.

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Edited By: Reepu Kumari
India Condemns Pakistan Airstrikes in Afghanistan at UNSC
Courtesy: ANI

नई दिल्ली: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सत्र में भारत ने पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान में किए गए हवाई हमलों की तीव्र निंदा की. भारत ने कहा कि ये हमले निर्दोष नागरिकों की जान के लिए खतरा हैं और अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हैं. इस कार्रवाई से क्षेत्रीय स्थिरता प्रभावित हो रही है और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियां बढ़ रही हैं.

भारतीय स्थायी प्रतिनिधि परवथानेनी हरीश ने कहा कि पाकिस्तान की इस कार्रवाई से अफगान नागरिकों और व्यापारिक पारगमन पर गंभीर असर पड़ा है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने और निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग दोहराई.

युद्धविराम तोड़ने का आरोप

तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच इस सप्ताह की शुरुआत में नए सिरे से झड़पें छिड़ गईं, जबकि दोनों पक्षों ने अस्थिर सीमा पर हफ्तों से चल रही लड़ाई को रोकने के लिए दो महीने से भी कम समय पहले युद्धविराम पर सहमति जताई थी. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर नाजुक युद्धविराम तोड़ने का आरोप लगाया.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि परवथानेनी हरीश ने कहा कि नई दिल्ली पाकिस्तान के 'व्यापार और पारगमन आतंकवाद' से ;गंभीर रूप से चिंतित' है, जिसका संदर्भ उन्होंने भूमि से घिरे अफगानिस्तान के लिए इस्लामाबाद द्वारा बार-बार सीमा पहुंच बंद करने से दिया.

सुरक्षा पर ध्यान देने की मांगों का समर्थन

उन्होंने कहा, 'हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का पूर्ण सम्मान करने और विशेष रूप से निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा पर ध्यान देने की मांगों का समर्थन करते हैं.'

मानदंडों का उल्लंघन

हरीश ने कहा, 'कई वर्षों से गंभीर बीमारियों से जूझ रहे एक भू-बद्ध देश के लिए पहुंच को जानबूझकर बंद करना विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के मानदंडों का उल्लंघन है. कठिन परिस्थितियों में पुनर्निर्माण का प्रयास कर रहे एक कमजोर और असुरक्षित एलएलडीसी राष्ट्र के खिलाफ इस तरह की खुली धमकियां और युद्ध जैसी कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है.'

'हम ऐसे कृत्यों की निंदा करते हैं'

उन्होंने आगे कहा, 'हम ऐसे कृत्यों की निंदा करते हैं, लेकिन साथ ही हम अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और स्वतंत्रता का दृढ़तापूर्वक समर्थन करते हैं.' अक्टूबर की शुरुआत में काबुल पर पाकिस्तानी हवाई हमले के बाद सीमा विवाद भड़क उठा, जिसके जवाब में अफगानिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की.

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी के भारत दौरे पर होने के दौरान ही लड़ाई और तेज हो गई. तालिबान द्वारा 2021 में सत्ता हथियाने के बाद से ये सबसे भीषण झड़पें थीं.

कतर और तुर्की की मध्यस्थता

कई हफ्तों की शत्रुता के बाद, कतर और तुर्की की मध्यस्थता से हुई बातचीत के बाद दोनों पक्ष 19 अक्टूबर को युद्धविराम पर सहमत हुए .तालिबान शासन के एक प्रवक्ता ने कहा कि हमलों के नवीनतम दौर की शुरुआत पाकिस्तान ने की और काबुल 'जवाब देने के लिए मजबूर' हुआ.

हरीश ने कहा कि भारत सुरक्षा स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है और उसने संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकी समूहों - जिनमें आईएसआईएल, अल कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और प्रतिरोध मोर्चा जैसे उनके सहयोगी संगठन शामिल हैं - को सीमाओं के पार काम करने से रोकने के लिए समन्वित अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई का आग्रह किया.

'व्यावहारिक जुड़ाव' 

तालिबान के साथ 'व्यावहारिक जुड़ाव' का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि केवल दंडात्मक दृष्टिकोण विफल रहे हैं. उन्होंने कहा, 'जुड़ाव की एक सुसंगत नीति सकारात्मक कार्यों को प्रोत्साहित करेगी.' उन्होंने आगे कहा, 'हम संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह करते हैं कि वे ऐसे सूक्ष्म नीतिगत उपायों को अपनाएं जो अफगानिस्तान के लोगों के लिए स्थायी लाभ लाने में सहायक हों.'