Nepal Crisis: नेपाल में युवाओं का विरोध प्रदर्शन ने सत्ता की नींव हिला दी. संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, राजनीतिक दलों के कार्यालयों, प्रधानमंत्री और मंत्रियों के आवासों को जला दिया. प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू के सबसे बड़े होटल हिल्टन को आग के हवाले कर दिया. पूरा होटल जल गया.
हिल्टन होटल को केवल एक लक्ज़री आवास की जगह नहीं, बल्कि नेपाल की सांस्कृतिक और वास्तुशिल्पीय विरासत का एक जीवंत प्रतीक माना जाता है. इस होटल की वास्तुकला न केवल आधुनिकता का प्रतीक है, बल्कि यह नेपाल की समृद्ध परंपराओं और प्राकृतिक सौंदर्य को भी बखूबी दर्शाती है.
#WATCH | Nepal: Hilton Hotel in Kathmandu all charred after it was set on fire during the recent anti-corruption protest. Drone visuals from the area. pic.twitter.com/uUGpuZ4rRZ
— ANI (@ANI) September 10, 2025
होटल के चमकदार अग्रभाग पर बौद्ध प्रार्थना झंडियों से प्रेरित ऊर्ध्वाधर कांच के पैनल लगे हैं, जो इस इमारत को एक अनोखी पहचान प्रदान करते हैं. इन पैनलों का रंग दिन के उजाले में बदलता है, जिससे वे एक जीवंत और गतिशील दृश्य प्रस्तुत करते हैं. सूर्यास्त के बाद ये पैनल और भी जीवंत हो उठते हैं, रंगों की एक मनमोहक छटा बिखेरते हुए.
सेना ने संभाला कमान
नेपाल में पिछली रात सुरक्षा अभियानों की कमान संभालने के बाद सेना ने बुधवार को कहा कि कर्फ्यू के आदेश दिन भर लागू रहेंगे और गुरुवार को भी जारी रहेंगे. सेना ने कहा कि यह कदम मौजूदा हालात के कारण उठाया गया है. काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, सेना ने लूटपाट और जेल तोड़ने की घटनाओं पर अपनी कार्रवाई तेज़ कर दी है. महाराजगंज में लूटपाट में शामिल चार लोगों को हिरासत में लिया गया, जबकि सुरक्षा बलों द्वारा देखे जाने के बाद संदिग्ध व्यक्ति कुछ नकदी और लूटा हुआ हथियार छोड़कर भाग गए.
काठमांडू से प्राप्त तस्वीरों में सेना के जवान राजधानी में गश्त करते दिख रहे हैं, जबकि स्थानीय लोग अपनी दिनचर्या में व्यस्त हैं. हालांकि, मंगलवार की हिंसा के बाद शहर पर असर पड़ा है, एक नेपाली मीडिया चैनल के मुख्यालय से अभी भी धुएं के गुबार उठ रहे हैं. जेनरेशन ज़ेड के प्रदर्शनकारियों के आंदोलन में संसद, सुप्रीम कोर्ट और शासन की अन्य इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा है.