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India Daily

'बातचीत को तैयार लेकिन...', पुतिन ने ट्रंप से एक घंटे तक की फोन पर बात, यूक्रेन को लेकर साफ कर दिए अपने इरादे

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात करते हुए साफ किया कि रूस यूक्रेन युद्ध में अपने उद्देश्यों से पीछे नहीं हटेगा, हालांकि वह बातचीत के लिए तैयार है. यह कॉल ऐसे समय में हुई जब अमेरिका ने यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति अस्थायी रूप से रोक दी है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
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Courtesy: web

यूक्रेन युद्ध को लेकर एक अहम घटनाक्रम सामने आया है, जिसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच लगभग एक घंटे की फोन वार्ता हुई. इस बातचीत में पुतिन ने कहा कि रूस यूक्रेन में अपने उद्देश्यों को हर हाल में हासिल करेगा, लेकिन साथ ही वह राजनीतिक और कूटनीतिक बातचीत के लिए भी तैयार है. यह बातचीत ऐसे वक्त में हुई जब अमेरिका ने यूक्रेन को मिल रही कुछ प्रमुख हथियारों की आपूर्ति पर रोक लगा दी है.

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, इस बातचीत में पुतिन ने स्पष्ट किया कि रूस यूक्रेन युद्ध के उन मूल कारणों को सुलझाना चाहता है, जिन्होंने इस टकराव को जन्म दिया. उनके अनुसार, रूस अपने ठोस लक्ष्यों को छोड़ने वाला नहीं है. पुतिन ने कहा कि यदि बातचीत के जरिए समाधान संभव हो, तो रूस तैयार है. यह बयान तब आया है जब रूस और यूक्रेन के बीच चल रही लड़ाई चौथे वर्ष में प्रवेश कर चुकी है और अब तक कोई बड़ा समाधान नहीं निकल पाया है.

ईरान और मध्य पूर्व को लेकर भी हुई चर्चा

बातचीत के दौरान पुतिन ने ट्रंप के साथ ईरान और व्यापक मध्य पूर्व में बढ़ते तनावों को भी उठाया. उन्होंने जोर देकर कहा कि सभी विवादों और मतभेदों को केवल कूटनीतिक और राजनीतिक तरीकों से ही हल किया जाना चाहिए. रूस की ओर से इस क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए बातचीत को ही प्राथमिकता देने की बात कही गई. यह बयान उस पृष्ठभूमि में आया है जहां अमेरिका और उसके सहयोगियों की ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं.

अमेरिका ने यूक्रेन को हथियार देना किया स्थगित

इस बातचीत से पहले अमेरिका ने यूक्रेन को मिलने वाले कुछ अहम हथियारों की आपूर्ति अस्थायी रूप से रोक दी थी, जिसमें 155mm आर्टिलरी शेल और पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम शामिल हैं. यह कदम रूस द्वारा किए गए एक बड़े हवाई हमले के बाद उठाया गया. अमेरिकी प्रशासन ने बताया कि यह निर्णय अमेरिका के हथियार भंडार की समीक्षा के बाद लिया गया है, क्योंकि लगातार हो रही आपूर्ति से इनकी संख्या में कमी आ रही थी. हालांकि, इस निर्णय से यूक्रेन और उसके सहयोगियों में चिंता बढ़ गई है, क्योंकि ये हथियार रूस के ड्रोन और मिसाइल हमलों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.