Iran Israel War: कभी गहरे दोस्त रहे ईरान और इजरायल आज एक दूसरे के खिलाफ हथियार उठा चुके हैं. ईरान ने रविवार देर रात तेल अवीव के ऊपर सैकड़ों ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलों के जरिए हमला किया. ईरान ने यह कार्रवाई सीरिया में उसके दूतावास पर इजरायली हमले के जवाब में की है. इजरायल ने भी ईरानी हमलों का जवाब देने की बात कही है. तेहरान के हमले के बाद इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू वॉर कैबिनेट के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल तेहरान को जवाब देने के लिए हमले की तैयारी कर रहा है. इस पूरे घटनाक्रम की वजह से मध्य पूर्व के हालात और भी ज्यादा चिंताजनक हो गए हैं. जानकारों के मुताबिक ईरान और इजरायल के बीच यदि जंग की शुरुआत होती है तो दोनों देशों को खासा नुकसान हो सकता है.
ईरानी हमले के बाद इजरायल क्या जवाब देगा, सारी दुनिया की इस पर नजर है. इजरायली मीडिया के मुताबिक, इजरायल की वॉर कैबिनेट के सदस्य बेनी गैंट्ज ने कहा कि अभियान अभी खत्म नहीं हुआ है. एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि हम ईरान के हमलों का जवाब देंगे. हम क्षेत्रीय ब्लॉक बनाकर सही समय पर इसकी कीमत वसूलेंगे. इजरायली रक्षा मंत्री एमके इतामर बेन गविर ने कहा कि मिडिल ईस्ट में प्रतिरोध को रोकने के लिए इजरायल हल्की प्रतिक्रिया नहीं दे सकता. पूरी दुनिया हमारी ओर देख रही है.
ईरान ने इजरायल को चेतावनी दी है कि इजरायल ने अगर बदला लेने की कोशिश की तो अब उसकी सैन्य कार्रवाई का स्तर व्यापक होगा.ईरान के शीर्ष अधिकारी ने कहा कि अमेरिका यदि इजरायल का साथ देने आया तो हम उसके ठिकानों को भी निशाना बनाएंगे. हालांकि ईरानी हमले के बाद अमेरिका ने उसका साथ न देने की बात कही है. रूस ने भी ईरान का समर्थन करते हुए अमेरिका को इस संघर्ष से दूर रहने की चेतावनी दी है. राष्ट्रपति पुतिन ने कहा है कि इजरायल की मदद के लिए आगे आने पर मॉस्को खुलकर ईरान का समर्थन करेगा.
दोनों देशों में युद्ध की शुरुआत होने पर इजरायल ओमान की खाड़ी और होर्मुज पास से गुजरने वाले जहाजों की आवाजाही रोक सकता है. ईरान इससे पहले स्वेज नहर को ब्लॉक करने की धमकी दे चुका है. इस इलाके से दुनिया के 20 फीसदी तेल की सप्लाई होती है. स्वेज नहर और होर्मुज पास में किसी तरह की रुकावट तेल बाजार को प्रभावित कर सकती है. एक अमेरिकी थिंक टैंक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के अनुसार यदि तनाव कम नहीं हुआ तो तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकते हैं.
ईरान का कहना है कि उसके हमले से इजरायल को 800 करोड़ का नुकसान हुआ और उसे अपना एयरस्पेस बंद करना पड़ा. ईरान के मुताबिक उसके हमले में इजरायल के 12 लोग भी घायल हुए हैं. वहीं, दूसरी ओर इजरायल ने दावा किया कि उसने ईरान के 99 फीसदी हमलों को नष्ट कर दिया. हालांकि दोनों के बीच जंग की शुरुआत होने के बाद इन आंकड़ों में बड़ा बदलाव हो सकता है. इस साल की शुरुआत में गाजा में हिरासत में लिए गए बंदियों को मुक्त कराने और नेतन्याहू को हटाने के लिए कार्रवाई बढ़ाने की मांग करते हुए हजारों इजरायली यरूशलेम में एकत्र हुए थे. सात अक्टूबर को हमास ने हमला करके 250 लोगों को बंधक बना लिया था. ऐसे में बेंजामिन एक और जंग की शुरुआत कर अपने लिए मुश्किलों को नहीं बढ़ाना जाएंगे. ऐसा होने पर इजरायली सरकार विरोध बड़े पैमाने पर होगा जो बेंजामिन नहीं चाहेंगे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल किसी संभावित टकराव से निपटने के लिए अपनी योजनाओं का पहले ही निर्माण कर चुका है. युद्ध की स्थिति में वह ईरान के महत्वपूर्ण संसाधनों, रिसर्च सेंटर, प्रमुख संस्थाओं, और परमाणु ठिकानों पर हमला कर सकता है. इजरायली वायुसेना ईरान की तुलना में अधिक आधुनिक और ताकतवर है. इसका फायदा वह उठा सकता है. जानकारों के मुताबिक, इजरायल ईरान के खिलाफ किसी भी सीधे संघर्ष से बचने की कोशिश करेगा क्योंकि वह घरेलू स्तर पर ही कई समस्याओं का सामना कर रहा है. वह विभिन्न देशों में ईरान समर्थित संगठनों पर हमला कर उसे जवाब दे सकता है. इजरायल के फाइटर जेट ईरानी एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह करने की क्षमता रखते हैं. पहले से ही कई तरह के प्रतिबंधों का सामना कर रहा ईरान अमेरिका और उसके सहयोगियों के नए प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है.