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India Daily

कैसे एक छोटा सोशल मीडिया ऐप बना नेपाल की सत्ता का सूत्रधार, चार्ली किर्क हत्याकांड में भी उभरी भूमिका!

नेपाल में Gen Z ने डिस्कॉर्ड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके अपना अगला प्रधानमंत्री चुना है. इसके लिए यूजर्स ने भ्रष्टाचार के खिलाफ युवा ( Youth Against Corruption) नाम से डिस्कॉर्ड सर्वर का इस्तेमाल किया.

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Edited By: Mayank Tiwari
Social media app changed the politics of Nepal
Courtesy: x

नेपाल में हाल के दिनों में राजनीतिक तूफान आ गया है. जहां सरकार द्वारा 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार गिर गई. इस फैसले ने देशभर के युवाओं, खासकर Gen Z पीढ़ी को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया. भ्रष्टाचार और कुप्रशासन के खिलाफ छिड़े इन विरोध प्रदर्शनों में कम से कम 51 लोगों की जान चली गई. नेपाल के युवा दशकों से चली आ रही भ्रष्टाचार की जड़ों को उखाड़ फेंकना चाहते हैं. इस आंदोलन में उन्होंने एक अनोखे हथियार का सहारा लिया डिस्कॉर्ड ऐप. यह प्लेटफॉर्म न केवल संचार का माध्यम बना, बल्कि नेतृत्व चयन का आधार भी.  

रिपोर्ट के मुताबिक, डिस्कॉर्ड खासतौर से गेमर्स के लिए विकसित एक चैट सर्विस ऐप है, जो 2015 में जेसन सिट्रॉन और स्टानिस्लाव विश्नेव्स्की द्वारा लॉन्च किया गया. इसकी खासियत ये है कि गेमिंग सेशन के दौरान बिना किसी रुकावट के अन्य खिलाड़ियों से चैटिंग की जा सकती है. 2016 तक इसके 26 मिलियन यूजर्स हो चुके थे. खासकर Gen Z के बीच कोविड महामारी के दौरान यह प्लेटफॉर्म चरम पर पहुंचा.

डिस्कॉर्ड क्या है? एक गेमिंग ऐप से वैश्विक मंच तक

वहीं, अब डिस्कॉर्ड खुद को एक बहुमुखी कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म के रूप में पेश करता है. इसमें कई चैनलों के माध्यम से डिस्कशन, स्क्रीन शेयरिंग, लाइव स्ट्रीमिंग और मॉडरेशन टूल्स जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं. फेसबुक या इंस्टाग्राम जैसे अनंत 
कंटेंट फीड की बजाय, यह बड़े ग्रुप्स में व्यवस्थित चर्चा को बढ़ावा देता है. व्हाट्सएप से आगे, यह जन आंदोलनों के लिए आदर्श साबित हो रहा है, जहां सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान जरूरी होता है.  

डिस्कॉर्ड से कैसे चुना गया नेपाल का नया नेता?   

नेपाल के Gen Z युवाओं ने डिस्कॉर्ड को हथियार बनाकर न केवल विरोध का स्वर बुलंद किया, बल्कि अगले प्रधानमंत्री का चयन भी किया. 'यूथ अगेंस्ट करप्शन' नामक डिस्कॉर्ड सर्वर पर 1,30,000 सदस्य जुड़े, हालांकि लोकेशन वेरिफिकेशन की कोई सुविधा नहीं है. 

'इंडिया टुडे' की रिपोर्ट के अनुसार, इस सर्वर ने पोल के जरिए अगले लीडर का चुनाव कराया. सभी वोटर नेपाल से ही थे, इसकी पुष्टि नहीं हो सकी. 10 सितंबर 2025 को सर्वर पर नेपाल की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को अगला लीडर चुना गया. यह सर्वर विरोध प्रदर्शनों का केंद्र बना, जहां घोषणाएं, फैक्ट चेक, ग्राउंड अपडेट्स, न्यूज डंप, सवाल-जवाब, इमरजेंसी हेल्पलाइन और सामान्य चर्चाओं के लिए अलग-अलग चैनल बने. इससे सूचनाओं का संगठित प्रसार आसान हो गया, और आंदोलन ने गति पकड़ी.  

US के चार्ली किर्क हत्याकांड में डिस्कॉर्ड की संदिग्ध भूमिका 

डिस्कॉर्ड की लोकप्रियता अब वैश्विक घटनाओं तक फैल चुकी है. अमेरिका के यूटा राज्य में 'यूटा वैली यूनिवर्सिटी' के एक कार्यक्रम के दौरान कंजर्वेटिव एक्टिविस्ट चार्ली किर्क की गोली मारकर हत्या कर दी गई. पुलिस ने 22 वर्षीय टायलर रॉबिन्सन को मुख्य संदिग्ध के रूप में गिरफ्तार किया. जांच में डिस्कॉर्ड ऐप की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई. रॉबिन्सन के रूममेट ने पूछताछ के दौरान डिस्कॉर्ड पर रॉबिन्सन के नाम से की गई टिप्पणियां दिखाईं. हालांकि, डिस्कॉर्ड का दावा है कि ये मैसेज रूममेट ने किसी अन्य दोस्त को भेजे थे. हालांकि, कंपनी ने साफ किया कि उनकी जांच में कोई सबूत नहीं मिला कि संदिग्ध ने हिंसा को बढ़ावा दिया या प्लेटफॉर्म पर हत्या की योजना बनी. फिर भी, यह घटना डिस्कॉर्ड की निगरानी पर सवाल खड़े कर रही है.  

डिस्कॉर्ड की लोकप्रियता का राज, क्यों चुनते हैं युवा इसे? 

डिस्कॉर्ड की सफलता का रहस्य इसकी सादगी और कार्यक्षमता में है. फेसबुक-इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफॉर्म्स में अनगिनत पोस्ट्स की बाढ़ होती है, लेकिन डिस्कॉर्ड में चैनल्स से चर्चा केंद्रित रहती है. व्हाट्सएप से बेहतर, यह बड़े ग्रुपों में विचार-विमर्श को आसान बनाता है.

नेपाल के प्रदर्शनकारियों ने इसका भरपूर फायदा उठाया. सर्वर पर कई चैनलों ने आंदोलन को मजबूत किया, फैक्ट चेक से गलत सूचनाओं को रोका गया, ग्राउंड अपडेट्स से वास्तविक स्थिति शेयर हुई, और इमरजेंसी हेल्पलाइन ने जरूरतमंदों की मदद की. Gen Z के लिए यह न केवल संचार का साधन, बल्कि संगठन का हथियार बन गया. वैश्विक स्तर पर, डिस्कॉर्ड अब सामाजिक बदलाव के मंच के रूप में उभर रहा है.