नई दिल्ली: बांग्लादेश में ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू मजदूर की हत्या के बाद सरकार ने उसके परिवार की मदद का भरोसा दिया है. अंतरिम सरकार के एक वरिष्ठ सलाहकार ने कहा है कि राज्य पीड़ित परिवार की पूरी जिम्मेदारी लेगा.
बांग्लादेश के शिक्षा सलाहकार सीआर अबरार ने मंगलवार को 25 वर्षीय दीपू दास के परिवार से मुलाकात की. दीपू दास की 18 दिसंबर को मयमनसिंह में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. बता दें दीपू एक कपड़ा कारखाने में मजदूरी करते थे.
दीपू दास की हत्या के बाद अब सरकार द्वारा उनके परिवार को लेकर एक बयान जारी किया गया है. परिवार से मिलने के बाद अबरार ने कहा कि सरकार दीपू दास की पत्नी, बच्चे और माता-पिता की देखभाल करेगी. उन्होंने इस घटना को एक बेहद क्रूर अपराध बताया और कहा कि ऐसी हिंसा को किसी भी हाल में सही नहीं ठहराया जा सकता.
अबरार ने यह भी बताया कि उन्होंने परिवार से मिलने से पहले अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस से बातचीत की थी. यूनुस ने पीड़ित परिवार के प्रति गहरा दुख और संवेदना व्यक्त करने की थी. उन्हें हर संभव मदद भी पहुंचाई जाएगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मानें तो, दीपू दास के पिता रबी चंद्र दास ने अपने बेटे की हत्या के लिए न्याय की मांग की और सरकार के सामने परिवार की कठिन स्थिति रखी.
इस बीच, मुहम्मद यूनुस के कार्यालय ने भी स्पष्ट किया है कि दीपू दास के परिवार को आर्थिक और सामाजिक सहायता दी जाएगी. संबंधित अधिकारी आगे भी परिवार के संपर्क में रहेंगे ताकि उन्हें हर संभव मदद मिल सके.
अब तक इस मामले में 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. सरकार ने साफ कहा है कि आरोप, अफवाह या मतभेद कभी भी हिंसा का कारण नहीं बन सकते और कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को नहीं है.
इस घटना के बाद ढाका समेत बांग्लादेश के कई हिस्सों में मजदूर संगठनों, छात्रों और मानवाधिकार समूहों ने विरोध प्रदर्शन किए. वहीं, भारत ने भी इस घटना पर चिंता जताई है.