नई दिल्ली: भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है. ISRO के 'बाहुबली' रॉकेट LVM3-M6 ने अब तक का सबसे भारी उपग्रह BlueBird Block-2 सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया है.
इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ISRO के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की खुलकर सराहना की. उन्होंने कहा कि यह मिशन न केवल भारत की तकनीकी क्षमता को दर्शाता है, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को भी मजबूत करता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर LVM3-M6 की सफलता को भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में 'महत्वपूर्ण छलांग' बताया. उन्होंने कहा कि भारतीय धरती से अब तक का सबसे भारी उपग्रह लॉन्च होना देश के लिए गर्व का क्षण है. प्रधानमंत्री के अनुसार, यह उपलब्धि भारत को वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में एक भरोसेमंद और सक्षम साझेदार के रूप में स्थापित करती है.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मिशन की सफलता का श्रेय ISRO के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को दिया. उन्होंने कहा कि वर्षों की मेहनत, अनुशासन और नवाचार की भावना ने भारत को यह मुकाम दिलाया है. पीएम ने यह भी कहा कि भारत आज अंतरिक्ष तकनीक में केवल आत्मनिर्भर ही नहीं, बल्कि दुनिया को सेवाएं देने की स्थिति में भी पहुंच चुका है.
यहां देखें वीडियो
#WATCH | Sriharikota, Andhra Pradesh | ISRO's LVM3 M6 mission lifts off from the Satish Dhawan Space Centre, carrying the BlueBird Block-2 satellite into orbit, as part of a commercial deal with U.S.-based AST SpaceMobile.
— ANI (@ANI) December 24, 2025
The mission will deploy the next-generation… pic.twitter.com/VceVBLOU5n
BlueBird Block-2 उपग्रह का वजन 6,100 किलोग्राम है, जो ISRO के LVM3 रॉकेट द्वारा लो अर्थ ऑर्बिट में पहुंचाया गया अब तक का सबसे भारी पेलोड है. यह उपग्रह अमेरिका की कंपनी AST SpaceMobile का है और इसे व्यावसायिक समझौते के तहत लॉन्च किया गया. इस सफलता से ISRO की भारी उपग्रह प्रक्षेपण क्षमता को नई पहचान मिली है.
A significant stride in India’s space sector…
— Narendra Modi (@narendramodi) December 24, 2025
The successful LVM3-M6 launch, placing the heaviest satellite ever launched from Indian soil, the spacecraft of USA, BlueBird Block-2, into its intended orbit, marks a proud milestone in India’s space journey.
It strengthens… pic.twitter.com/AH6aJAyOhi
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मिशन को आत्मनिर्भर भारत की सोच का जीवंत उदाहरण बताया. उन्होंने कहा कि आज भारत न केवल अपने लिए, बल्कि दूसरे देशों के लिए भी बड़े और जटिल अंतरिक्ष मिशन पूरे कर रहा है. यह लॉन्च भारत की बढ़ती तकनीकी आत्मनिर्भरता और वैश्विक स्तर पर बढ़ते विश्वास को दर्शाता है.
43.5 मीटर ऊंचा LVM3 रॉकेट, जिसे Gaganyaan मिशन के लिए भी तैयार किया गया है, पहले भी चंद्रयान-2, चंद्रयान-3 और OneWeb मिशनों में अपनी क्षमता साबित कर चुका है. प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ISRO लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह सफलता भारत को अंतरिक्ष क्षेत्र में एक वैश्विक लीडर के रूप में और मजबूत करेगी.