फ्रांस की राजधानी पेरिस में मंगलवार (1 जुलाई) को बढ़ते तापमान के कारण रेड अलर्ट जारी किया गया है. भीषण गर्मी की वजह से विश्व प्रसिद्ध एफिल टावर को जनता के लिए बंद कर दिया गया है. यह कदम यूरोप में चल रही लू की स्थिति को देखते हुए उठाया गया है, जो कई देशों को प्रभावित कर रही है. यूरोप के कई हिस्सों में लगातार बढ़ रही गर्मी ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. फ्रांस सहित कई देशों में तापमान असामान्य रूप से उच्च स्तर पर पहुंच गया है.
मौसम एजेंसी मेटियो फ्रांस ने सोमवार को देश के 16 क्षेत्रों के लिए रेड हीटवेव अलर्ट जारी किया, जो गंभीर स्वास्थ्य और पर्यावरणीय जोखिमों की चेतावनी देता है. यह अलर्ट नागरिकों को गर्मी से बचाव के लिए सतर्क रहने और आवश्यक सावधानियां बरतने का निर्देश देता है. मंगलवार को पेरिस में तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के कारण एफिल टॉवर का शिखर अगले दो दिनों तक आगंतुकों के लिए बंद रहेगा.
जून का महीना सबसे गर्म रहा
स्पेन की राष्ट्रीय मौसम सेवा ने मंगलवार को बताया कि बार्सिलोना में एक शताब्दी से भी अधिक समय पहले रिकॉर्ड बनाए जाने के बाद से जून का महीना सबसे गर्म रहा है. जबकि, बार्सिलोना के ऊपर एक पहाड़ी पर स्थित फेबरा वेधशाला ने 1914 के बाद से रिकॉर्ड तोड़ते हुए 26 डिग्री सेल्सियस का औसत तापमान दर्ज किया. इससे पहले जून का सबसे गर्म औसत तापमान 2003 में 25.6 डिग्री सेल्सियस था.
स्कूलों पर पड़ा असर
बढ़ते तापमान ने शिक्षा क्षेत्र को भी प्रभावित किया है. फ्रांस के शिक्षा मंत्रालय ने घोषणा की है कि अत्यधिक गर्मी के कारण लगभग 1,350 सरकारी स्कूल पूरी तरह या आंशिक रूप से बंद रहेंगे. मंत्रालय ने कहा, “ज़्यादा गर्मी के कारण क़रीब 1,350 सरकारी स्कूल या तो पूरी तरह या आंशिक रूप से बंद रहेंगे.” यह निर्णय छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, क्योंकि उच्च तापमान कक्षाओं में पढ़ाई के लिए अनुकूल नहीं है.
जनजीवन पर प्रभाव
पेरिस में एफिल टावर का बंद होना न केवल पर्यटकों के लिए निराशाजनक है, बल्कि यह गर्मी की गंभीरता को भी दर्शाता है. स्थानीय प्रशासन ने लोगों से घरों में रहने, पर्याप्त पानी पीने और गर्मी से बचने के उपाय करने की सलाह दी है. यह स्थिति न केवल फ्रांस, बल्कि पूरे यूरोप में आपातकालीन उपायों की आवश्यकता को रेखांकित करती है.
भविष्य की चेतावनी
मौसम विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी चरम मौसमी घटनाएं भविष्य में और बढ़ सकती हैं. फ्रांस सरकार ने गर्मी से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं पर काम शुरू कर दिया है.