इजरायल ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की फिलिस्तीन को मान्यता देने की मांग पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. मैक्रों ने गाजा में मानवीय संकट को देखते हुए यूरोपीय देशों से इजरायल के खिलाफ सख्त रुख अपनाने और फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की बात कही थी. इजरायल ने इसे "यहूदी राज्य के खिलाफ अभियान" करार देते हुए मैक्रों की आलोचना की है.
इजरायल के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, "राष्ट्रपति मैक्रों का यहूदी राज्य के खिलाफ अभियान जारी है. गाजा में कोई मानवीय नाकाबंदी नहीं है, यह सरासर झूठ है." इजरायल का यह बयान मैक्रों के उस बयान के जवाब में आया, जिसमें उन्होंने गाजा की स्थिति को गंभीर बताते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कार्रवाई की मांग की थी. इजरायल ने मैक्रों के बयान को तथ्यों से परे और पक्षपातपूर्ण बताया.
गाजा में मानवीय संकट, संयुक्त राष्ट्र की चेतावनी
संयुक्त राष्ट्र ने गाजा में बिगड़ते हालात पर चेतावनी दी है. यूएन की मानवीय एजेंसी OCHA के प्रवक्ता जेन्स लार्के ने कहा, "गाजा दुनिया का सबसे भुखमरी वाला क्षेत्र है. यहां की पूरी आबादी अकाल के खतरे में है." गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई और नाकाबंदी के कारण खाद्य संकट गहरा गया है. विशेषज्ञों का कहना है कि हर पांच में से एक व्यक्ति भुखमरी का सामना कर रहा है.
मैक्रों का बयान: "फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता जरूरी"
सिंगापुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मैक्रों ने कहा कि गाजा की स्थिति को देखते हुए यूरोपीय देशों को इजरायल के खिलाफ "सामूहिक रुख को और सख्त" करना चाहिए. उन्होंने कहा, "फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देना न केवल नैतिक कर्तव्य है, बल्कि राजनीतिक जरूरत भी है." मैक्रों ने यह भी शर्त रखी कि फिलिस्तीनी राज्य की मान्यता के साथ हमास का निरस्त्रीकरण और इजरायल के अस्तित्व व सुरक्षा के अधिकार को स्वीकार करना होगा.
इजरायल की प्रतिक्रिया: वेस्ट बैंक में बस्तियां
इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने मैक्रों के बयान को जवाब देते हुए कहा कि वे वेस्ट बैंक में "यहूदी इजरायली राज्य" का निर्माण करेंगे. काट्ज ने कहा, "यह उन आतंकी संगठनों को जवाब है जो हमारी जमीन पर कब्जा कमजोर करना चाहते हैं. मैक्रों और उनके सहयोगियों को संदेश है कि वे कागज पर फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दे सकते हैं, लेकिन हम जमीन पर यहूदी राज्य बनाएंगे." इजरायल ने हाल ही में वेस्ट बैंक में 22 नई बस्तियों की घोषणा की है.
मैक्रों का दोहरा मापदंड पर सवाल
सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग सुरक्षा सम्मेलन में मैक्रों ने पश्चिमी देशों के "दोहरे मापदंड" पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि यूक्रेन संकट में सहयोग की मांग करने वाले पश्चिमी देश इजरायल को "खुली छूट" दे रहे हैं, जिससे उनकी विश्वसनीयता दांव पर है. मैक्रों ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में नियम-आधारित व्यवस्था को बनाए रखने की जरूरत पर भी जोर दिया.
गाजा में राहत की उम्मीद
हालांकि गाजा में कुछ राहत सामग्री पहुंचनी शुरू हुई है, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है. इजरायल की नाकाबंदी के कारण दो महीने से अधिक समय तक सहायता रुकी रही. मैक्रों ने इंडोनेशिया की यात्रा के दौरान वहां के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के साथ मिलकर इजरायल की गाजा पर कब्जे की योजना और फिलिस्तीनियों को उनकी जमीन से हटाने की कोशिशों की निंदा की थी.