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निर्वासन से लौट रहे पूर्व पीएम खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान, क्या बन सकते हैं अगले PM?

पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान करीब 17 साल विदेश में रहने के बाद गुरुवार को बांग्लादेश लौटने वाले हैं. वह कई सालों से अपनी मर्जी से देश से बाहर रह रहे थे.

Shilpa Shrivastava
निर्वासन से लौट रहे पूर्व पीएम खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान, क्या बन सकते हैं अगले PM?
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे तारिक रहमान करीब 17 साल विदेश में रहने के बाद गुरुवार को बांग्लादेश लौटने वाले हैं. वह कई सालों से अपनी मर्जी से देश से बाहर रह रहे थे. उनके लौटने से राजनीतिक माहौल में काफी हलचल मच गई है, खासकर तब जब फरवरी में राष्ट्रीय चुनाव होने की उम्मीद है. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) अपनी ताकत दिखाने के लिए एक बहुत बड़े स्वागत कार्यक्रम की योजना बना रही है. 

पार्टी को उम्मीद है कि तारिक रहमान का स्वागत करने के लिए करीब 50 लाख समर्थक इकट्ठा होंगे. बता दें कि तारीक रहमान अपनी पत्नी डॉ. जुबैदा रहमान और बेटी जाइमा के साथ लौटेंगे. उनके लौटने का समय काफी अहम है. वे ऐसे समय पर वापस आ रहे हैं, जब छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद लोगों में गुस्सा है.

क्या अगले प्रधानमंत्री बनेंगे तारीक रहमान:

कई लोगों को ऐसा लगता है कि तारीक को बांग्लादेश का अगला प्रधानमंत्री बनने का मुख्य उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए. उनकी मां खालिदा जिया 80 साल की हैं और गंभीर रूप से बीमार हैं, जिसे उनके घर लौटने के फैसले का एक कारण भी बताया जा रहा है. बता दें कि तारिक रहमान फिलहाल BNP के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.

अमेरिका स्थित इंटरनेशनल रिपब्लिकन इंस्टीट्यूट ने एक सर्वे किया है, जिसके अनुसार BNP को करीब 33% जनता का समर्थन मिल सकता है, जबकि जमात-ए-इस्लामी को लगभग 29% मिल सकता है. तारिक रहमान 2008 से लंदन में रह रहे हैं. उस दौरान उन पर मनी लॉन्ड्रिंग और शेख हसीना की हत्या की कथित साजिश समेत कई आपराधिक मामले चले. हालांकि, हसीना सरकार गिरने के बाद उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया गया है.

1971 के मुक्ति संग्राम में जेल गए थे तारीक:

बचपन में, तारिक रहमान को 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान कुछ समय के लिए हिरासत में लिया गया था. BNP ने बाद में उन्हें सबसे कम उम्र के युद्धबंदियों में से एक बताया था. उन्होंने ढाका यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल रिलेशन में पढ़ाई की और 23 साल की कम उम्र में राजनीति में आ गए. उनके पिता जियाउर रहमान 1975 के सैन्य तख्तापलट के बाद शक्तिशाली बने, जिसके दौरान देश के संस्थापक नेता और शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी गई थी. जियाउर रहमान बाद में राष्ट्रपति बने लेकिन 1981 में उनकी हत्या कर दी गई, जब तारिक सिर्फ 15 साल के थे.