रूस- यूक्रेन युद्ध के बीच ट्रंप के आगे झुक गए जेलेंस्की, लेकिन इस शर्त पर हुए चुनाव कराने को तैयार
ट्रंप ने जेलेंस्की पर चुनाव न कराने का आरोप लगाया और कहा कि यूक्रेन अब लोकतांत्रिक नहीं रहा है. जेलेंस्की ने जवाब दिया कि चुनाव यूक्रेनी जनता तय करेगी और युद्ध के बीच सुरक्षा सुनिश्चित होने पर तीन महीने में हो सकते हैं.
नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की के बीच राजनीतिक तनातनी उस समय तेज हो गई जब ट्रंप ने जेलेंस्की पर आरोप लगाया कि वह चुनाव नहीं करा रहे और सत्ता से चिपके हुए हैं. ट्रंप ने यहां तक कह दिया कि यूक्रेन में 2022 से चुनाव न होना लोकतंत्र की विफलता है. इस बयान के बाद मामला और गरमाया क्योंकि यूक्रेन लगातार रूस के साथ चले आ रहे युद्ध से जूझ रहा है और स्थिति बेहद खराब है.
ट्रंप के आरोपों पर जेलेंस्की ने सख्त प्रतिक्रिया दी और साफ कहा कि यूक्रेन में चुनाव कब होंगे इसका फैसला किसी दूसरे देश का नहीं बल्कि यूक्रेन की जनता का है. जेलेंस्की ने कहा कि उन्हें चुनाव कराने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन युद्ध के बीच ऐसा करने के लिए सुरक्षा, लॉजिस्टिक्स और कानून की पूरी गारंटी चाहिए.
जेलेंस्की ने क्या दी प्रतिक्रिया?
जेलेंस्की ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि पश्चिमी सहयोगी सुरक्षा सुनिश्चित कर दें तो यूक्रेन तीन महीने में चुनाव कराने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि युद्ध क्षेत्र में मतदान कराना सरल नहीं है और हजारों सैनिक तथा नागरिक लगातार खतरे में हैं. इसलिए बिना सुरक्षा आश्वासन के चुनाव कराना यूक्रेनी जनता के साथ अन्याय होगा. इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि यूक्रेन की दिशा का निर्णय न तो अमेरिका करेगा और न ही कोई अन्य वैश्विक शक्ति करेगा.
ट्रंप जेलेंस्की पर क्या बना रहे दूसरा दबाव?
दूसरी तरफ ट्रंप शांति वार्ता पर भी दबाव बना रहे हैं. ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन युद्ध मैदान पर हार रहा है और यदि कोई देश हार रहा हो तो उसे कुछ चीजें स्वीकार करनी पड़ती हैं. उन्होंने दावा किया कि यूक्रेन काफी जमीन खो चुका है और अब जेलेंस्की को रूस के साथ रियायतें देनी चाहिए. ट्रंप की ये बातें ऐसे समय में आई हैं जब जेलेंस्की यूरोपीय साझेदारों फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के साथ मिलकर एक संशोधित शांति प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं.
पुतिन ने जेलेंस्की को लेकर क्या किया दावा?
यह नया प्रस्ताव जल्द ही अमेरिका को सौंपा जाएगा और इसमें युद्ध समाप्त करने के संभावित कदम तथा सुरक्षा गारंटियों का खाका शामिल होगा लेकिन शांति की राह इतनी आसान नहीं दिख रही. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दावा किया कि जेलेंस्की अब वैध राष्ट्रपति नहीं हैं और किसी भी समझौते से पहले यूक्रेन को पूरा डोनबास क्षेत्र रूस को सौंपना होगा.
जेलेंस्की इसे अस्वीकार्य बता चुके हैं और कहा है कि किसी भी परिस्थिति में यूक्रेन अपनी जमीन नहीं छोड़ेगा. मौजूदा हालात में जेलेंस्की दो मोर्चों पर दबाव का सामना कर रहे हैं और युद्ध, चुनाव तथा शांति वार्ता तीनों मोर्चों पर कठिन चुनौतियां उनके सामने खड़ी हैं.