US Trade War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के व्यापार मामलों के सलाहकार पीटर नवारो ने भारत की रूस से तेल खरीद पर तीखा बयान दिया है. नवारो ने आरोप लगाया कि रूस से तेल खरीद का लाभ खासतौर पर भारत के ब्राह्मण समुदाय को हो रहा है. उनका कहना है कि रूस से भारतीय रिफाइनर सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीद रहे हैं और उसे प्रोसेस करके महंगे दामों पर निर्यात कर रहे हैं. नवारो का कहना है कि इस प्रक्रिया से मुनाफा ब्राह्मण समुदाय कमा रहा है जबकि इसका नुकसान आम जनता को उठाना पड़ रहा है.
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में नवारो ने कहा कि रूस इस पैसे का इस्तेमाल यूक्रेन युद्ध को बढ़ाने में कर रहा है. उन्होंने दोहराया कि ट्रंप का भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने का फैसला सही था. नवारो ने यह बयान ऐसे समय में दिया है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे हैं और वहां उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की है.
“I want Indians to understand what is going on. Brahmins are profiteering by buying Russian oil at the expense of the Indian people,” says Trump’s trade adviser Peter Navarro pic.twitter.com/9FVfRR5lks
— Shashank Mattoo (@MattooShashank) September 1, 2025Also Read
- Australia Anti Immigration Protest: ऑस्ट्रेलिया में भारतीय प्रवास के खिलाफ रैलियों की निंदा, अल्बानीज सरकार ने कहा नस्लीय सोच के लिए कोई जगह नहीं
- 'नरक में अपने बाकी आतंकी साथियों से जा मिला', इजराइली रक्षा मंत्री ने की हमास प्रवक्ता अबू उबैदा की मौत की पुष्टि
- SCO summit: ट्रंप के टैरिफ के बीच दुनिया की 40% आबादी वाले 10 देशों का समूह क्यों हैं महत्वपूर्ण, भारत के लिए क्या हैं मायने
नवारो ने इस मुलाकात पर भी नाराजगी जताई और कहा कि मोदी, पुतिन और जिनपिंग मिलकर वैश्विक स्थिरता को कमजोर कर रहे हैं. उन्होंने मोदी को 'ग्रेट लीडर' बताते हुए भी सवाल उठाया कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता रूस और चीन के साथ निकटता क्यों बढ़ा रहे हैं. उनके मुताबिक यह साझेदारी दुनिया के लिए खतरे का संकेत है.
भारत की व्यापारिक नीतियों पर भी नवारो ने हमला बोलते हुए कहा कि सबसे ज्यादा टैरिफ भारत लगाता है. भारत अमेरिका को सामान बेचने से रोकता है जबकि खुद भारी मात्रा में अमेरिका को निर्यात करता है. नवारो ने दावा किया कि इस असंतुलन से अमेरिकी कामगारों को नुकसान हो रहा है और यूक्रेन संकट भी गहरा रहा है.
भारत और अमेरिका के बीच रिश्ते हाल के दिनों में तनावपूर्ण बने हुए हैं. भारत के रूस से तेल खरीद जारी रखने पर अमेरिका लगातार आपत्ति जता रहा है. वहीं भारत ने साफ कहा है कि उसकी ऊर्जा नीति राष्ट्रीय हितों पर आधारित है और वह किसी बाहरी दबाव में बदलाव नहीं करेगा. मोदी की चीन यात्रा और पुतिन से मुलाकात को अमेरिका में बौखलाहट के तौर पर देखा जा रहा है.