Gaza Ceasefire: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता में गाजा को लेकर शांति प्रस्ताव ने तेजी पकड़ी है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शनिवार को देश के नाम टेलीविजन संदेश में घोषणा की कि इजरायल ने शांति वार्ता के लिए अपनी टीम को मिस्र भेजने का निर्देश दिया है. यह टीम प्रस्ताव से जुड़े तकनीकी बिंदुओं को अंतिम रूप देने का काम करेगी. नेतन्याहू ने भरोसा जताया कि जल्द ही गाजा से सभी बंधकों की रिहाई की घोषणा संभव हो पाएगी.
नेतन्याहू के बयान से पहले व्हाइट हाउस ने पुष्टि की कि दो अमेरिकी दूत भी मिस्र पहुंचेंगे. वे बंधकों की रिहाई और लगभग दो साल से जारी युद्ध को समाप्त करने वाले अमेरिकी शांति प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे. इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा कि हमास का निरस्त्रीकरण होकर रहेगा, चाहे वह ट्रंप की शांति योजना के जरिए हो या सैन्य कार्रवाई के जरिये. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वाशिंगटन को इस संबंध में संदेश दे दिया गया है कि हमास को किसी भी हालत में हथियार डालने होंगे.
ट्रंप की 20 सूत्री गाजा शांति योजना के तहत युद्धविराम, 72 घंटे में सभी बंधकों की रिहाई, इजरायली जेलों से फिलिस्तीनी कैदियों की अदला-बदली, गाजा में हमास का शासन समाप्त करना और गाजा के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शामिल है. इसके साथ ही एक अस्थायी तकनीकी सरकार बनाने का सुझाव दिया गया है, जिसमें हमास की कोई भूमिका नहीं होगी. योजना में गाजा से इजरायली सेना की चरणबद्ध वापसी और गाजा को आतंक व कट्टरपंथ से मुक्त क्षेत्र बनाने का लक्ष्य रखा गया है.
ट्रंप ने हमास को रविवार शाम 6 बजे यानी वाशिंगटन डीसी समयानुसार तक अल्टीमेटम दिया था कि वह प्रस्ताव स्वीकार करे, अन्यथा गाजा को पहले जैसी तबाही का सामना करना पड़ेगा. इसके जवाब में हमास ने कहा कि वह प्रस्ताव स्वीकार करने को तैयार है और सभी इजरायली बंधकों को रिहा करेगा. साथ ही संगठन ने गाजा प्रशासन छोड़ने की शर्त भी मान ली है. इस घोषणा का स्वागत करते हुए ट्रंप ने कहा कि गाजा में स्थायी शांति की दिशा में यह बड़ा कदम है और इजरायल को तुरंत बमबारी रोकनी चाहिए. नेतन्याहू के कार्यालय ने बताया कि हमास के सकारात्मक रुख के बाद इजरायल प्रस्ताव के पहले चरण को लागू करने की तैयारी कर रहा है. यदि समझौता सफल होता है तो गाजा में स्थायी शांति और पुनर्निर्माण की दिशा में ऐतिहासिक कदम होगा.