Japan Earthquake: शनिवार देर रात जापान के होन्शू के पूर्वी तट पर 6.0 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसकी पुष्टि राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) ने की है. यह झटका 50 किलोमीटर की गहराई में दर्ज किया गया. भूकंप का समय भारतीय मानक समयानुसार रात 8:51 पर दर्ज हुआ. हालांकि अभी तक किसी भी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर सामने नहीं आई है, लेकिन इससे क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है.
भूकंप के झटके महसूस होने के बाद एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सुनामी अलर्ट जारी कर दिया गया है. जापान पहले से ही प्रशांत महासागर के अग्नि वलय पर स्थित है, जहां ज्वालामुखी और भूकंपीय गतिविधियां आम हैं. यही वजह है कि देश बार-बार भूकंप और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करता है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह भूकंप भले ही ज्यादा नुकसानदायक न हो, लेकिन इसके बाद आने वाले झटकों और सुनामी के खतरे को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता.
एनसीएस ने बताया कि भूकंप का केंद्र जापान के होन्शू के पूर्वी तट पर 37.45 उत्तरी अक्षांश और 141.52 पूर्वी देशांतर पर था. यह समुद्र तल से 50 किमी की गहराई पर आया, जिससे इसके प्रभाव को व्यापक रूप से महसूस किया गया. हालांकि इस भूकंप के कारण तत्काल किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है.
EQ of M: 6.0, On: 04/10/2025 20:51:09 IST, Lat: 37.45 N, Long: 141.52 E, Depth: 50 Km, Location: Near East Coast of Honshu, Japan.
— National Center for Seismology (@NCS_Earthquake) October 4, 2025
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जापान दुनिया के सबसे सक्रिय भूकंपीय क्षेत्रों में से एक है. यहां हर वर्ष छोटे-बड़े भूकंप आते रहते हैं. 2011 का तोहोकू भूकंप और सुनामी, 2004 का चुएत्सु भूकंप और 1995 का महान हानशिन भूकंप अब भी लोगों की स्मृति में ताजा हैं. हाल ही में 2024 में नोटो क्षेत्र में आए भूकंप ने भी भारी तबाही मचाई थी.
भूकंप के बाद रूस में 8.8 तीव्रता का झटका दर्ज किया गया, जिसके बाद जापान और आसपास के कई देशों में सुनामी अलर्ट जारी कर दिया गया. तटीय क्षेत्रों में लोगों को समुद्र से दूर रहने और सुरक्षित इलाकों में जाने की सलाह दी गई है. प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है और आपदा प्रबंधन दल किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार हैं.
अन्य देशों के विपरीत जापान शिंदो पैमाने का उपयोग करता है, जो अलग-अलग स्थानों पर भूकंप के झटकों की तीव्रता को मापता है. जबकि रिक्टर पैमाना केवल केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को मापता है. जापान में सबसे सघन भूकंपीय निगरानी नेटवर्क है, जिससे यहां के वैज्ञानिक भूकंपों की बेहतर और सटीक मॉनिटरिंग कर पाते हैं.