बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने कब्जे वाले बलूचिस्तान में भारी तबाही मचाई है. 51 से ज्यादा जगहों पर हमले किए हैं. एक अलग बयान में समूह ने आसन्न क्षेत्रीय परिवर्तन की कड़ी चेतावनी जारी की है, तथा घोषणा की है कि दक्षिण एशिया में एक नई व्यवस्था आवश्यक हो गई है. विदेशी प्रॉक्सी के रूप में कार्य करने के सभी आरोपों को खारिज करते हुए, बीएलए ने क्षेत्र के उभरते रणनीतिक परिदृश्य में स्वयं को एक गतिशील और निर्णायक पक्ष बताया.
इस बीच, कथित तौर पर हमलों में पाकिस्तानी सैन्य काफिलों, खुफिया केंद्रों और खनिज परिवहन संचालन को निशाना बनाया गया, जो संसाधन संपन्न प्रांत पर इस्लामाबाद की पकड़ को चुनौती देने के व्यापक अभियान का हिस्सा था. बीएलए ने कहा, हम इस विचार को दृढ़ता से अस्वीकार करते हैं कि बलूच राष्ट्रीय प्रतिरोध किसी राज्य या शक्ति का प्रतिनिधि है. इसमें कहा गया है, "बीएलए न तो मोहरा है और न ही मूक दर्शक. इस क्षेत्र के वर्तमान और भविष्य के सैन्य, राजनीतिक और रणनीतिक गठन में हमारा उचित स्थान है और हम अपनी भूमिका से पूरी तरह अवगत हैं.
पाकिस्तान की ओर से शांति की हर बात महज धोखा है: बीएलए
पाकिस्तान पर पाखंड और कपट का आरोप लगाते हुए समूह ने इस्लामाबाद पर कूटनीतिक पहल के साथ अपने युद्ध एजेंडे को छुपाने का आरोप लगाया. बीएलए ने कहा, "पाकिस्तान की ओर से शांति, युद्ध विराम और भाईचारे की हर बात महज एक धोखा, युद्ध की रणनीति और एक अस्थायी चाल है. उसने भारत और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इस्लामाबाद की "भ्रामक शांति बयानबाजी" के झांसे में न आने की चेतावनी दी. समूह ने पाकिस्तान को एक ऐसा देश बताया जिसके हाथ खून से रंगे हैं और जिसका हर वादा खून से लथपथ है.
51 से अधिक स्थानों पर हमला
बीएलए प्रवक्ता जीयंद बलूच ने कहा कि समूह के हालिया हमले का उद्देश्य केवल विनाश करना नहीं था, बल्कि युद्धक्षेत्र की तैयारी का परीक्षण करना था. उन्होंने कहा, "इस सप्ताह के शुरू में भारत-पाकिस्तान सैन्य तनाव के दौरान, बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने पाकिस्तानी सेना के लिए एक और मोर्चा खोल दिया, क्योंकि इसने कब्जे वाले बलूचिस्तान में 51 से अधिक स्थानों पर 71 हमले किए, जो कई घंटों तक चले.
आईएसआई आतंकी संगठन
बीएलए ने आईएसआई की आलोचना की, 'आतंकवादी राज्य' से मुकाबले के लिए वैश्विक समर्थन मांगा. बीएलए के बयान में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर भी तीखा हमला किया गया तथा उस पर अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया. बयान में कहा गया है, पाकिस्तान न केवल वैश्विक आतंकवादियों के लिए प्रजनन स्थल रहा है, बल्कि लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और आईएसआईएस जैसे घातक आतंकवादी समूहों के राज्य प्रायोजित विकास का केंद्र भी रहा है.