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India Daily

भारत में मुसलमानों को शैतान...बिलावल भुट्टो की हुई इंटरनेशनल बेइज्जती, पत्रकार ने बता दिया झूठा!

संयुक्त राष्ट्र में इस्लामाबाद की कूटनीतिक टीम का हिस्सा भुट्टो ने कश्मीर पर पाकिस्तान के रुख को दोहराते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह टिप्पणी की. उन्होंने आरोप लगाया कि पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, का राजनीतिकरण भारतीय मुसलमानों को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Bilawal Bhutto
Courtesy: Social Media

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी को संयुक्त राष्ट्र प्रेस वार्ता में सार्वजनिक रूप से शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जब एक पत्रकार ने उनके इस दावे की तथ्य-जांच की कि भारत में मुसलमानों को 'राक्षस' बनाया जा रहा है.

संयुक्त राष्ट्र में इस्लामाबाद की कूटनीतिक टीम का हिस्सा भुट्टो ने कश्मीर पर पाकिस्तान के रुख को दोहराते हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह टिप्पणी की. उन्होंने आरोप लगाया कि पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, का राजनीतिकरण भारतीय मुसलमानों को बदनाम करने के लिए किया जा रहा है. हालांकि, कार्यक्रम में मौजूद एक पत्रकार ने इस व्यापक सामान्यीकरण को गलत बताया. अपने निजी अनुभव से पत्रकार ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर समेत भारतीय सेना की ब्रीफिंग मुस्लिम अधिकारियों द्वारा ही की गई थी.

पत्रकार के सवाल से परेशान हुए बिलावल

पत्रकार ने जवाब दिया, आपने कहा कि कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले का इस्तेमाल भारत में मुसलमानों को बदनाम करने के लिए एक राजनीतिक उपकरण के रूप में किया जा रहा है. लेकिन, महोदय, मैंने दोनों पक्षों की ब्रीफिंग देखी है और जहां तक ​​मुझे याद है भारतीय पक्ष की ब्रीफिंग मुस्लिम भारतीय सैन्य अधिकारी कर रहे थे. इस टिप्पणी से भुट्टो काफी परेशान हो गए, उन्होंने कोई खंडन नहीं किया और केवल इतना कहा, "जहां तक ​​ऑपरेशन का सवाल है, आप बिल्कुल सही हैं." पत्रकार का संदर्भ ऑपरेशन सिंदूर पर कर्नल सोफिया कुरैशी द्वारा आयोजित मीडिया ब्रीफिंग से था जिन्होंने एक अन्य महिला अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ देश भर में प्रसिद्धि प्राप्त की थी.

बिलावल भुट्टो संयुक्त राज्य अमेरिका में एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने पहुंचे हैं. भारत-पाकिस्तान तनाव के बाद वे अपने देश का पक्ष रख रहे हैं. यह यात्रा 22 अप्रैल के आतंकवादी हमले के बाद भारत की सैन्य प्रतिक्रिया ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर हो रही है.