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India Daily

'हिंदू, मुस्लिम, ईसाई... सभी का है बांग्लादेश' तारीख रहमान ने एकता पर दिया जोर

एक छात्र नेता की हत्या को लेकर बांग्लादेश में बढ़ते तनाव और बांग्लादेश में एक हिंदू व्यक्ति की लिंचिंग के कारण भारत में तनाव के बीच, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा ज़िया के निर्वासित बेटे तारिक रहमान ने गुरुवार को देश लौटने पर एकता का आह्वान किया. 

Shilpa Shrivastava
'हिंदू, मुस्लिम, ईसाई... सभी का है बांग्लादेश' तारीख रहमान ने एकता पर दिया जोर
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: सभी समुदायों का है बांग्लादेशनई दिल्ली: छात्र नेता की हत्या को लेकर बांग्लादेश में तनाव बढ़ता जा रहा है. बांग्लादेश में एक हिंदू व्यक्ति की लिंचिंग के कारण भारत में भी तनाव बढ़ गया है. इसी बीच पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के निर्वासित बेटे तारिक रहमान वापस देश लौटे और एकता का आह्वान किया. बता दें कि रहमान 17 साल से निर्वासन में रह रहे हैं. 

अब इन्हें फरवरी 2026 में होने वाले आगामी संसदीय चुनावों में एक प्रमुख उम्मीदवार के रूप में देखे जा रहे हैं. रहमान ने वापस आने के बाद अपने पहले भाषण में बांग्लादेश के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का वादा किया. साथ ही कहा कि उनके पास देश के लिए एक योजना है.

सुरक्षित बांग्लादेश बनाना चाहते हैं- रहमान 

रहमान ने अपने भाषण में कहा, "मेरे देश के लिए मेरे पास एक योजना है. लोगों को लंबे समय से एक सुरक्षित राज्य की उम्मीद थी." उन्होंने एकता की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "यह देश पहाड़ों और मैदानों के लोगों, मुसलमानों, हिंदुओं, बौद्धों और ईसाइयों का है. हम एक सुरक्षित बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, जहां हर महिला, पुरुष और बच्चा घर से निकलकर सुरक्षित वापस लौट सके."

रहमान ने यह भी साफ किया कि उनका पहला लक्ष्य देश में शांति और स्थिरता बहाल करना है. इसके अलावा यह भी कहा कि बांग्लादेश में शांति और गरिमा बनाए रखना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए. सब मिलकर काम करेंगे और अपना मनचाहा बांग्लादेश बनाएंगे. रहमान ने देशवासियों से मतभेदों के बावजूद एक साथ आने का आग्रह किया. 

बांग्लादेश में बढ़ा तनाव:

रहमान की वापसी ऐसे समय में हुई जब बांग्लादेश में तनाव बहुत ज्यादा बढ़ गया है. खासतौर पर मैमनसिंह में हिंदू व्यक्ति दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद भारत भर में बहुत ज्यादा गुस्सा है. बता दें कि दीपू को ईशनिंदा के आरोपों पर पीट-पीटकर मार डाला गया था, जिससे बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं.

एकजुटता के अलावा रहमान ने कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए एकजुट प्रयास करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, "हम किसी भी राजनीतिक पार्टी के हों, किसी भी धर्म को मानते हों, हमें कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हाथ मिलाना चाहिए. "