Axiom-4 mission: भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभ्रांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचकर इतिहास के पन्नों में अपना नाम दर्ज कर लिया. गुरुवार को स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्ष यान ने अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ शुक्ला को लेकर आईएसएस पर सफलतापूर्वक पहुंचा. यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में एक नया अध्याय जोड़ती है.
स्पेसएक्स का ड्रैगन अंतरिक्ष यान बुधवार को दोपहर 12:01 बजे (IST) नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से रवाना हुआ. 28 घंटे की यात्रा के बाद यह यान गुरुवार शाम 4:01 बजे आईएसएस पर पहुंचा. चालक दल ने कुछ घंटों बाद स्टेशन में प्रवेश किया. आईएसएस ने अपने आधिकारिक एक्स पोस्ट में कहा, "एक्सिऑम मिशन 4 @स्पेसएक्स ड्रैगन पर सवार होकर आज सुबह 6:31 बजे ईटी पर स्टेशन पर पहुंचा. जल्द ही एक्स-4 अंतरिक्ष यात्री हैच खोलेंगे और एक्सपी 73 चालक दल का अभिवादन करेंगे."
WATCH | #AxiomMission4 crew - Mission Commander Peggy Whitson (US), Mission pilot #ShubhanshuShukla (India) and Mission Specialists Tibor Kapu (Hungary) and Slawosz Uznanski-Wisniewski (Poland) enters the International Space Station (ISS).
— ANI (@ANI) June 26, 2025
(Video: NASA via Reuters) pic.twitter.com/rIEHgdu277
मिशन का उद्देश्य और शुभ्रांशु शुक्ला की भूमिका
एक्सिऑम-4 मिशन के तहत चालक दल 14 दिनों तक आईएसएस पर माइक्रोग्रैविटी अनुसंधान, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन और आउटरीच गतिविधियों में भाग लेगा. ग्रुप कैप्टन शुक्ला इस मिशन के पायलट हैं और भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान के लिए चुने गए चार भारतीय वायु सेना पायलटों में से एक हैं. उन्होंने नासा, एक्सिऑम स्पेस और स्पेसएक्स के साथ 10 महीने का गहन प्रशिक्षण लिया. शुक्ला ने कहा, "यह मेरे मिशन के माध्यम से देश में एक पूरी पीढ़ी को प्रेरित करने का मेरा ईमानदार प्रयास है. मैं इस अवसर का उपयोग बच्चों में जिज्ञासा जगाने के लिए करना चाहता हूँ. अगर यह कहानी, मेरी कहानी, एक भी जीवन बदलने में सक्षम है, तो यह मेरे लिए एक बड़ी सफलता होगी."
Axiom Mission 4 aboard the @SpaceX Dragon docked to the station at 6:31am ET today. Soon the Ax-4 astronauts will open the hatch and greet the Exp 73 crew live on @NASA+. More... https://t.co/XmWYPa4BhT pic.twitter.com/LjjMd7DfmW
— International Space Station (@Space_Station) June 26, 2025
मिशन की कमांडर और अन्य सदस्य
इस मिशन की कमांडर पैगी व्हिटसन हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष में 665 दिन बिताए हैं, जो किसी भी अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री के लिए सर्वाधिक है. उनके साथ पोलैंड के स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू मिशन विशेषज्ञ के रूप में शामिल हैं. यह मिशन पूरी तरह से निजी अंतरिक्ष यात्रियों का दूसरा मिशन है, जो वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देगा.
वैज्ञानिक अनुसंधान और भारत का योगदान
एक्स-4 मिशन में 31 देशों के लगभग 60 वैज्ञानिक अध्ययन शामिल हैं, जिनमें भारत, अमेरिका, पोलैंड, हंगरी और अन्य देशों के प्रयोग शामिल हैं. भारतीय अंतरिक्ष यात्री सात सूक्ष्मगुरुत्व अनुसंधान प्रयोग करेंगे, जो भारत के अंतरिक्ष विज्ञान में योगदान को और मजबूत करेंगे.
तकनीकी चुनौतियां और सुरक्षा
मूल रूप से 8 जून को निर्धारित इस मिशन को तकनीकी कारणों से स्थगित करना पड़ा. प्रणोदन बे में तरल ऑक्सीजन प्रणाली के रिसाव के कारण लॉन्च को 11 जून तक टाला गया. फाल्कन 9 रॉकेट के हॉट टेस्ट के दौरान इस समस्या का पता चला, जिसके बाद सभी हितधारकों ने अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी.