पाकिस्तान के सेना प्रमुख और हाल ही में फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत सैयद आसिम मुनीर इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने वॉशिंगटन में पाकिस्तानी समुदाय को संबोधित किया, लेकिन इस मंच का इस्तेमाल उन्होंने भारत के खिलाफ आक्रामक और भड़काऊ बयानबाजी के लिए किया. मुनीर ने न केवल भारत को खुली चुनौती दी, बल्कि 1971 के युद्ध में पाकिस्तान की शर्मनाक हार का बदला लेने की कसम खाई. इसके साथ ही उन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर भी विवादास्पद बयान दिए, जिससे भारत-पाकिस्तान संबंधों में तनाव और बढ़ने की आशंका है.
पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने अपने संबोधन में मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए चार दिवसीय सैन्य संघर्ष को पाकिस्तान की कथित जीत के रूप में पेश किया. यह संघर्ष जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद शुरू हुआ था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. भारत ने इस हमले का जवाब "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले करके दिया था. हालांकि, मुनीर ने इस आतंकी हमले को मानने से इनकार कर दिया और इसे भारत की "गलत साजिश" करार दिया.
मुनीर ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि वह इस हार का बदला लेकर भारत को तोड़ देंगे. इस युद्ध में पाकिस्तान को न केवल हार का सामना करना पड़ा था, बल्कि बांग्लादेश के रूप में उसका एक हिस्सा अलग हो गया था. मुनीर का यह बयान उनकी आक्रामक मानसिकता और भारत के प्रति गहरी दुश्मनी को दर्शाता है.
कश्मीर और चीन का जिक्र
आसिम मुनीर, जिन्हें पाकिस्तान में "मुल्ला जनरल" के नाम से भी जाना जाता है, ने कश्मीर को लेकर भी भड़काऊ बयान दिए. उन्होंने दावा किया कि कश्मीर पाकिस्तान का "जुगुलर वेन" (जीवन रेखा) है और इसके लिए "तीन युद्ध हो चुके हैं, जरूरत पड़ी तो दस और होंगे." उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर एक दिन पाकिस्तान का हिस्सा बनेगा. इसके अलावा, मुनीर ने दावा किया कि पाकिस्तान ने हाल के संघर्ष में चीन के साथ मिलकर भारत के खिलाफ जंग लड़ी थी, जो एक गंभीर और अपुष्ट दावा है. यह बयान न केवल भारत के साथ तनाव को बढ़ाने वाला है, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी खतरा पैदा करता है.
पाकिस्तानी पत्रकार अजाज सैयद ने एक टॉक शो में बताया कि मुनीर ने अपने भाषण में भारत को तोड़ने की कसम खाई. वॉशिंगटन में मौजूद पाकिस्तानी नागरिक नोमान मुगल ने भी पुष्टि की कि मुनीर ने भारत के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए 1971 की हार को बार-बार उठाया और इसे बदला लेने का आधार बनाया.