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India Daily

'2026 में भारतीयों पर चुन-चुनकर निशाना बनाया जाएगा...', अमेरिकी नस्लवादी पत्रकार का भड़काऊ बयान

मैट फोर्नी का नाम पहले भी भारतीयों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर चर्चा में रहा है. वह भारतीयों और प्रवासियों के खिलाफ नफरत फैलाने के आरोपों में पहले अपनी नौकरी भी गंवा चुका है.

Sagar
Edited By: Sagar Bhardwaj
'2026 में भारतीयों पर चुन-चुनकर निशाना बनाया जाएगा...', अमेरिकी नस्लवादी पत्रकार का भड़काऊ बयान
Courtesy: Matt Forney x

अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ नफरत भरे बयानों और धमकियों का सिलसिला तेज होता दिख रहा है. इसी कड़ी में एक अमेरिकी पत्रकार और दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े एक्टिविस्ट मैट फोर्नी ने बेहद विवादित और नस्लवादी बयान दिया है. उसने दावा किया कि वर्ष 2026 में अमेरिका में भारतीयों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जाएगा और उन पर हिंसक हमले हो सकते हैं.

भारतीयों को देश से निकालने की बात

मैट फोर्नी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट में कहा कि भारतीय मूल के लोग, उनके घर, कारोबार और यहां तक कि हिंदू मंदिर भी हमलों की चपेट में आ सकते हैं. उसने यह तक कह दिया कि भारतीयों की “जान बचाने” के लिए सभी भारतीय-अमेरिकियों को भारत वापस भेज दिया जाना चाहिए. हालांकि भारी आलोचना के बाद उसने यह पोस्ट हटा ली.

पहले भी दे चुका है विवादित बयान

मैट फोर्नी का नाम पहले भी भारतीयों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियों को लेकर चर्चा में रहा है. वह भारतीयों और प्रवासियों के खिलाफ नफरत फैलाने के आरोपों में पहले अपनी नौकरी भी गंवा चुका है. हाल ही में उसे एक अमेरिकी मीडिया संस्थान से निकाला गया था, जहां वह H-1B वीजा से जुड़े मुद्दों पर रिपोर्टिंग कर रहा था.

भारतीय मूल की CEO पर भी हमला

फोर्नी ने एक भारतीय-अमेरिकी महिला CEO की नियुक्ति पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. उसने आरोप लगाया था कि भारतीय मूल के लोग अमेरिकी कंपनियों पर कब्जा कर रहे हैं और अमेरिकियों की जगह भारतीयों को नौकरी दे रहे हैं. इन बयानों को व्यापक रूप से नस्लवादी और भड़काऊ बताया गया.

राजनीतिक माहौल और बढ़ती नफरत

विशेषज्ञों का कहना है कि डोनाल्ड ट्रंप के राजनीतिक अभियान के बाद अमेरिका में प्रवासी विरोधी सोच और ज्यादा आक्रामक हुई है. खासकर भारतीय मूल के लोगों और H-1B वीजा पर काम करने वालों को लेकर नकारात्मक माहौल बना है.

शोध रिपोर्ट में भी खुलासा

एक शोध संस्था की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल में सोशल मीडिया पर भारतीयों के खिलाफ नस्लवादी पोस्ट में भारी बढ़ोतरी हुई है. सिर्फ एक महीने में हजारों ऐसे संदेश सामने आए, जिनमें भारतीयों और भारतीय-अमेरिकियों के खिलाफ नफरत फैलाई गई.

सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया

मैट फोर्नी के बयान के बाद सोशल मीडिया पर भारी विरोध देखने को मिला. कई यूजर्स ने इसे हिंसा के लिए उकसाने वाला बताया और अमेरिकी जांच एजेंसियों से कार्रवाई की मांग की. कुछ लोगों ने भारत सरकार से भी इस मामले को गंभीरता से लेने की अपील की है.