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क्या भारतीयों के लिए Death Zone बन रहा है अमेरिका! 3 महीने में 9वें छात्र की मौत

America Becoming Death Zone For Indians: अमेरिका में भारतीय नागरिकों और छात्रों के साथ बढ़ती वारदातों के बाद दूतावास के अधिकारी टेंशन में हैं. वे लगातार स्थानीय अधिकारियों के संपर्क में भी हैं.

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America Becoming Death Zone For Indians: अमेरिका से एक और बुरी खबर सामने आई है. यहां बोस्टन में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई है. प्रारंभिक जांच में किसी भी संदिग्ध बात से इनकार किया गया है. अमेरिका के स्थानीय अधिकारियों ने सोमवार को इस बात का खुलासा किया. 

न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बोस्टन में एक भारतीय छात्र अभिजीत पारुचुरू के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ. पारुचुरू के माता-पिता कनेक्टिकट में रहते हैं. वाणिज्य दूतावास ने कहा कि शुरुआती जांच में कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है. 

अभिजीत पारुचुरू का शव भारत भेजा गया

दूतावास की ओर से कहा गया है कि उनके शव के सभी डॉक्यूमेंट्स तैयार करने और भारत ले जाने में मदद की जा रही है. वह इस मामले को लेकर स्थानीय अधिकारियों के साथ-साथ भारतीय-अमेरिकी समुदाय के संपर्क में हैं.

सूत्रों के मुताबिक 20 वर्षीय पारुचुरु का अंतिम संस्कार उनके गृहनगर आंध्र प्रदेश के तेनाली में किया जा चुका है. अमेरिका स्थित गैर-लाभकारी संगठन टीम एड ने उनके शव को भारत लाने में मदद की. 2024 की शुरुआत से लेकर अब तक अमेरिका में भारतीय और भारतीय मूल के कई छात्रों की मौत हो चुकी है. हैरान और परेशान करने वाली बात ये है कि भारतीय छात्रों पर हमलों की संख्या भी काफी बढ़ गई है.

अमरनाथ घोष को मारी गई थीं कई गोलियां

मार्च में भारत के 34 वर्षीय ट्रेंड क्लासिकल डांसर और वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के छात्र अमरनाथ घोष की मिसौरी के सेंट लुइस में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. घोष पिछले साल अपने डांसिंग करियर के सपनों को पूरा करने के लिए पश्चिम बंगाल से अमेरिका पहुंचे थे. उन्हें सेंट लुइस अकादमी और सेंट्रल वेस्ट एंड नेबर की सीमा के पास कई बार गोली मारी गई थीं. 

पर्ड्यू विश्वविद्यालय में 23 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी छात्र समीर कामथ 5 फरवरी को इंडियाना में एक संरक्षित वन क्षेत्र में मृत पाए गए थे. 2 फरवरी को 41 वर्षीय भारतीय मूल के आईटी कार्यकारी विवेक तनेजा को वाशिंगटन में एक रेस्तरां के बाहर हमले के दौरान जानलेवा चोटें आईं, जिससे हाल के महीनों में यह किसी भारतीय या भारतीय-अमेरिकी की सातवीं मौत हो गई. 

बेघर नशेड़ी ने मार डाला भारतीय छात्र

उससे एक सप्ताह पहले शिकागो में एक भारतीय छात्र सैयद मजाहिर अली पर लुटेरों ने हमला किया था. इससे पहले 25 साल के भारतीय छात्र विवेक सैनी पर जॉर्जिया राज्य के लिथोनिया शहर में एक बेघर नशेड़ी ने जानलेवा हमला किया था.

जनवरी में ओहियो राज्य के लिंडनर स्कूल ऑफ बिजनेस के छात्र 19 वर्षीय श्रेयस रेड्डी बेनिगर मृत पाए गए. स्थानीय अधिकारियों ने यहां भी किसी भी संदिग्ध स्थिति से इनकार किया था. इंडियाना के पर्ड्यू विश्वविद्यालय में नील आचार्य के रूप में पहचाने जाने वाले एक अन्य भारतीय छात्र की 28 जनवरी को लापता होने की रिपोर्ट के कुछ दिनों बाद मौत की पुष्टि की गई थी.

बढ़ती मौतों के कारण टेंशन में हैं अधिकारी

इलिनोइस यूनिवर्सिटी अर्बाना-शैंपेन में 18 वर्षीय अकुल बी धवन की पिछले महीने हाइपोथर्मिया के लक्षणों के कारण मौत हो गई. भारतीयों और भारतीय मूल के व्यक्तियों व छात्रों पर हमलों की लिस्ट ने वाशिंगटन में भारतीय दूतावास और विभिन्न स्थानों पर इसके वाणिज्य दूतावासों के अधिकारियों को चिंता में डाल दिया है.