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'गोरे यूरोप जाओ, हम कनाडा के मालिक हैं..; अब भारतीय हिंदू के बाद इन लोगों पर खालिस्तानियों की नजर, इस VIDEO से मची खलबली

कनाडा में खालिस्तान समर्थक भारत के बाद कथित तौर पर गोरे लोगों को भी निशाने पर ले रहे हैं. खालिस्तानियों की रैली में भारत विरोधी नारेबाजी आम रही है लेकिन अब एक नए वीडियो में खालिस्तानी गोरे लोगों को भी वापस यूरोप जाने के लिए कह रहे हैं. कनाडा के सरे शहर से खालिस्तानी समर्थकों की रैली के दौरान के एक वायरल अपुष्ट वीडियो में इस तरह की बातें कही गई हैं.

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Edited By: India Daily Live
Khalistanis in Canada
Courtesy: Twitter

कनाडा में खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ताओं और भारतीय समुदायों के बीच राजनीतिक तनाव काफी तेजी से बढ़ रहा है क्योंकि ब्रिटिश कोलंबिया के बारे में खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों के ग्रुप को हाल ही में मार्च करते और नारे लगाते हुए देखा गया. इस नारे में उन्होंने कहा, हम कनाडा के मालिक हैं. इसके अलावा गोरे लोग यूरोप और इजरायल वापस चले जाएं.

अब इस बयानबाजी ने स्थानीय लोगों, खास कर भारतीय और हिंदू समूहों के भीतर, जो पहले से ही हाल के झड़पों से परेशान हैं, में क्रोध और भय पैदा कर दिया है. दरअसल वायरल हो रहे इस वीडियो को कनाडा के पत्रकार डेनियल बोर्डमैन ने एक वीडियो अपने सोशल मीडिया एक्स पर साझा किया है. इस वीडियो में सैकड़ों लोग खालिस्तानी झंडो के साथ दिख रहे हैं. एक शख्स इस पूरी रैली का वीडियो बनाते हुए कहा कि हम कनाडा के मालिक हैं.

'हम कनाडा के मालिक हैं..'

अब डेनियल ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए कनाडा की सरकार जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली सरकार से कड़े सवाल किए हैं.आखिर इस तरह की मार्च निकालने की इजाजत कैसे दी जा रही है. इससे विदेश नीति पर होने वाले असर से हम कैसे आंख मूंद रहे हैं. क्या इससे विदेश नीति के लिए एक खतरनाक स्थिति नहीं बनी जाएगी.


डेनियल बोर्डमैन ने इससे पहले भी खालिस्तानी के मुद्दे पर जस्टिन ट्रूडो को घेरा

बता दें कि डेनियल बोर्डमैन ने इससे पहले भी खालिस्तानी के मुद्दे पर जस्टिन ट्रूडो को घेरते आ रहे हैं. हाल ही में उन्होंने कहा था कि जस्टिन ट्रूडो और उसकी सरकार को कनाडा की सुरक्षा की परवाह नहीं है. चरमपंथी गतिविधियों ने देशभर के समुदायों को तेजी से खतरे में डाला है. हमारी सड़कों पर जिस तरह के मार्च हुए हैं, वे डराने वाले हैं. कानून का पालन करने वाले कनाडाई लोगों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार हो रहा है, जबकि उग्रता फैलाने वाले बचकर निकल जा रहे हैं