हिटलर के होलोकॉस्ट से बचने वाले 87 वर्षीय एलेक्स की बोंडी बीच आतंकी हमले में मौत, पत्नी को बचाते हुए गई जान

सिडनी के बॉन्डी बीच पर आतंकी हमले में होलोकॉस्ट से बच चुके 87 वर्षीय एलेक्स क्लेटमैन की मौत हो गई. उन्होंने गोलीबारी के दौरान अपनी पत्नी को बचाने के लिए खुद को ढाल बना लिया.

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Kuldeep Sharma

ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बॉन्डी बीच पर हनुक्का उत्सव के दौरान हुआ आतंकी हमला कई मायनों में दिल दहला देने वाला है. इस हमले में 15 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 87 वर्षीय एलेक्स क्लेटमैन भी शामिल थे. 

एलेक्स ने नाजी जर्मनी के होलोकॉस्ट की भयावहता झेली थी और नई जिंदगी की तलाश में ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे. लेकिन दशकों बाद आतंक की हिंसा ने उनकी जान ले ली, वह भी पत्नी को बचाते हुए.

हनुक्का उत्सव में अचानक बरसी गोलियां

रविवार दोपहर बॉन्डी बीच पर यहूदी समुदाय हनुक्का पर्व मना रहा था. परिवार, बच्चे और बुजुर्ग समुद्र किनारे एकत्र थे. इसी दौरान अचानक गोलियों की आवाज गूंजी और भगदड़ मच गई. इसी अफरा-तफरी में एलेक्स क्लेटमैन ने अपनी पत्नी लारिसा को बचाने के लिए खुद को आगे कर लिया और गोलियों की चपेट में आ गए.

पत्नी को बचाते हुए गई जान

लारिसा क्लेटमैन, जो स्वयं होलोकॉस्ट से बची हैं, ने बताया कि उनके पति ने जानबूझकर खुद को उनके सामने कर लिया. उनका कहना था कि एलेक्स ने उन्हें ढाल की तरह ढक लिया, जिससे गोलियां उन्हें लगीं. पांच दशक साथ बिताने वाले इस दंपती की कहानी ने पूरे ऑस्ट्रेलिया को झकझोर दिया है.

होलोकॉस्ट से ऑस्ट्रेलिया तक का सफर

एलेक्स क्लेटमैन यूक्रेनी यहूदी थे. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान उन्होंने सर्बिया और साइबेरिया में अमानवीय हालात में जीवन बिताया. नाजी शासन के अत्याचारों से बचने के बाद उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में नई शुरुआत की. उन्होंने अपने अनुभव यहूदी केयर संगठनों के साथ साझा किए थे, जहां वे उम्मीद और जिजीविषा की मिसाल माने जाते थे.

हमले के अन्य शिकार और आतंकी

इस हमले में एक 10 वर्षीय बच्ची, एक युवा फ्रांसीसी पर्यटक और एक रब्बी सहित कुल 15 लोगों की मौत हुई. करीब 40 लोग घायल हुए, जिनमें बच्चे और पुलिसकर्मी भी शामिल हैं. पुलिस के अनुसार, हमला करने वाले दो आतंकी पिता-पुत्र थे, जिनकी पृष्ठभूमि पाकिस्तानी बताई जा रही है. मुख्य हमलावर को पुलिस ने मौके पर मार गिराया.

सुरक्षा चूक और उठते सवाल

हमले के बाद ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठे हैं. बताया गया कि एक हमलावर पहले से ही इस्लामिक स्टेट से कथित संबंधों के कारण सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में था. प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने करीब 20 मिनट तक प्रभावी कार्रवाई नहीं की. इस त्रासदी ने ऑस्ट्रेलिया में बढ़ते यहूदी-विरोधी खतरों और खुफिया तंत्र की चूकों पर बहस छेड़ दी है.