Israel-Hamas Ceasefire: गाजा में जारी संघर्ष के बीच शांति समझौते की घोषणा के बाद भी हालात बिगड़े हुए हैं. ताजा रिपोर्ट्स के मुताबिक इजराइल के हवाई हमलों में अब तक 30 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई है. सीएनएन ने फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारी के हवाले से बताया कि उत्तरी गाजा के अल-सबरा इलाके में इजराइली हमले के बाद मलबे में 40 से अधिक लोग फंसे हुए हैं, जिनमें से छह की मौत की पुष्टि हो चुकी है.
स्थानीय अल-शिफा अस्पताल के निदेशक डॉ. मोहम्मद अबू सलमिया ने कहा कि बुधवार शाम से अब तक कुल 30 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है. इस हमले ने गाजा में हालात को और गंभीर बना दिया है, जबकि दोनों पक्षों ने हाल ही में युद्धविराम पर सहमति जताई थी.
इजराइली डिफेंस फोर्स (IDF) ने अपने बयान में कहा कि उसने एक हमास 'आतंकी सेल' को निशाना बनाया. बयान में दावा किया गया कि यह सेल आईडीएफ सैनिकों के बेहद करीब सक्रिय था और तत्काल खतरा पैदा कर रहा था. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि हमले का सबसे बड़ा असर आम नागरिकों पर पड़ा है.
इससे पहले इजराइल और हमास के बीच दो साल पुराने युद्ध को समाप्त करने के लिए युद्धविराम समझौता हुआ था. इस समझौते के तहत हमास ने 72 घंटे के भीतर 20 जीवित इजराइली बंधकों को रिहा करने का वादा किया है. इसी तरह इजराइल ने भी अपने जेलों में बंद फिलिस्तीनी कैदियों को छोड़ने पर सहमति दी है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस शांति समझौते में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि सभी शेष बंधकों की रिहाई सोमवार या मंगलवार तक हो जाएगी. ट्रंप ने यह भी घोषणा की कि वह इस सप्ताह के अंत या अगले सप्ताह की शुरुआत में मध्य पूर्व की यात्रा कर सकते हैं. उनके मुताबिक यह प्रक्रिया जटिल है लेकिन अमेरिका इसके लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. ट्रंप की इस यात्रा से पहले अमेरिका ने गाजा में युद्धविराम की निगरानी के लिए 200 सैनिकों को इजराइल भेजने की तैयारी कर ली है.
एसोसिएटेड प्रेस ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि अमेरिकी सेंट्रल कमांड इजराइल में एक सिविल-मिलिट्री कोऑर्डिनेशन सेंटर भी स्थापित करेगा ताकि गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाई जा सके. इसी बीच इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने बताया कि कैबिनेट ने हमास द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों की रिहाई के 'फ्रेमवर्क' को मंजूरी दे दी है. इसमें जीवित और मृत दोनों तरह के बंधक शामिल हैं.