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India Daily

चीनी महिला के प्यार में पड़ गया एक सरकारी अधिकारी, पता चलते ही सरकार ने कर दिया बर्खास्त

खुफिया जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी देश के टॉप ऑफिसर्स को हनी ट्रैप के जाल में फंसाने की घटना सामने आती रहती है. यही कारण है कि सभी देश अपने अधिकारियों को किसी अन्य देश के अधिकारियों के साथ नजदीकी रखने से मना करते हैं और अधिकारियों के हरकत पर पैनी नज़र भी रखते हैं.

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Edited By: Kanhaiya Kumar Jha
Government Official Fall in Love with Chinese Women
Courtesy: Grok AI

दुनिया के दो ताकतवर देश चीन और अमेरिका के बीच कोल्ड वॉर की बात नई नहीं है, लेकिन हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच तल्खियां बढ़ी है और कई ऐसे मौके सामने आए हैं, जब दोनों देशों ने एक दूसरे के खिलाफ कड़े कदम उठाए। हाल ही में ट्रम्प के टैरिफ वार को लेकर भी दोनों देशों के बीच घमासान देखने को मिला था, वही अब एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर लोग हैरान हैं. 

दरअसल, खुफिया जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी देश के टॉप ऑफिसर्स को हनी ट्रैप के जाल में फंसाने की घटना सामने आती रहती है. यही कारण है कि सभी देश अपने अधिकारियों को किसी अन्य देश के अधिकारियों के साथ नजदीकी रखने से मना करते हैं और अधिकारियों के हरकत पर पैनी नज़र भी रखते हैं. इसी तरह के एक मामले में चीन ने एक अमेरिकी राजनयिक को देश से निष्कासित कर दिया है. आरोप है कि अमेरिकी राजनयिक में एक चीनी महिला से प्रेम संबंध बनाए, जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी हुई बताई जा रही है. 

ट्रम्प सरकार ने किया बर्खास्त, सरकारी नीति के उल्लंघन का माना

वही इस मामले में अमेरिका के विदेश विभाग ने बुधवार को उस राजनयिक को बर्खास्त कर दिया, क्योंकि उसने माना कि उसका एक चीनी महिला के साथ प्रेम संबंध था और महिला के कथित तौर पर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से संबंध हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, यह बर्खास्तगी सिर्फ एक निजी मामला नहीं, बल्कि सरकारी नीति के उल्लंघन का नतीजा है.

बाइडेन प्रशासन ने लागू किया था ये सख्त नियम

पिछले साल के अंत में बाइडेन प्रशासन ने चीन में तैनात सभी अमेरिकी सरकारी कर्मियों, उनके परिवारों और सुरक्षा मंजूरी वाले ठेकेदारों के लिए एक सख्त नियम लागू किया था कि वे किसी भी चीनी नागरिक से रोमांटिक या यौन संबंध नहीं रख सकते. ‘एसोसिएटेड प्रेस (AP)’ की एक रिपोर्ट बताती है कि डेमोक्रेट जो बाइडेन के राष्ट्रपति कार्यकाल के अंतिम दिनों में यह प्रतिबंध लागू किया गया था.