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India Daily

19वीं सदी से बाहर निकलेगा यूके, एबॉर्शन को बनाया जाएगा क्राइम फ्री; बदलेंगे नियम!

UK Abortion Law: मंगलवार को, यूके की संसद ने एक नए नियम के पक्ष में वोट किया है. इस नियम की मदद से इंग्लैंड और वेल्स में एबॉर्शन को क्राइम फ्री करने में मदद मिलेगी. 

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Edited By: Shilpa Srivastava
UK Abortion Law

UK Abortion Law: मंगलवार को, यूके की संसद ने एक नए नियम के पक्ष में वोट किया है. इस नियम की मदद से इंग्लैंड और वेल्स में एबॉर्शन को क्राइम फ्री करने में मदद मिलेगी. इसका मतलब है कि अगर महिलाएं एबॉर्शन कराना चाहती हैं तो उन्हें क्राइम गर्भावस्था को समाप्त करती हैं, तो उन्हें अब क्रिमिनल चार्जेज का सामना नहीं करना पड़ेगा, खासकर 1800 के दशक में बनाए गए पुराने कानूनों के तहत.

भले ही यूके में एबॉर्शन लगभग 60 वर्षों से वैध है, लेकिन इसके लिए अभी भी काफी सख्त नियम लागू होते हैं. महिलाएं गर्भावस्था को केवल पहले के 24 हफ्तों के अंदर ही खत्म कर सकती हैं. इसके लिए उन्हें डॉक्टर्स की अनुमित की जरूरत होती थी. हालांकि, 1861 के एक पुराने कानून के अनुसार, अगर कोई महिला 24 सप्ताह के बाद एबॉर्शन कराती है, तो उसे आजीवन कारावास हो सकती है.

एबॉर्शन की गोलियां लेने की अनुमति से हुई दिक्कत:

हाल ही में, इस पुराने कानून के तहत बहुत कम महिलाओं पर आरोप लगाए गए थे. लेकिन COVID-19 महामारी के बाद, इसके मामले ज्यादा सामने आने लगे थे. महामारी के दौरान, सरकार ने गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में घर पर एबॉर्शन की गोलियां लेने की अनुमति दी, जिससे यह आसान हो गया, लेकिन कानूनी उलझन भी पैदा हो गई थी.

इस हफ्ते, संसद ने एक नए संशोधन को लेकर वोटिंग की. इसमें 379 मत पक्ष में और 137 मत विपक्ष में थे. इस संशोधन का उद्देश्य उन महिलाओं के खिलाफ क्रिमिनल केस को रोकना है जो एबॉर्शन कराना चाहती हैं. लेबर सांसद टोनिया एंटोनियाजी ने इस बदलाव का सपोर्ट किया और कहा कि पिछले पांच वर्षों में 100 से ज्यादा महिलाओं की जांच की गई है. उन्होंने कहा कि इनमें से कुछ महिलाएं मुश्किल परिस्थितियों में थीं, जैसे कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा था या स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. उन्होंने मौजूदा कानून को क्रूर और पुराना बताया.

दूर तक जा सकता है बदलाव:

कंजर्वेटिव पार्टी की रेबेका पॉल जैसे कुछ सांसदों ने कहा कि यह बदलाव बहुत दूर तक जा सकता है. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कानून को पूरी तरह से हटा दिया जाता है, तो कोई महिला उस समय भी एबॉर्शन ऑप्ट कर सकती है जब बहुत देर हो चुकी हो. यह संशोधन एक बड़े कानून का हिस्सा है जो अभी भी संसद के दोनों सदनों में विचाराधीन है. इसलिए, इस पर आखिरी फैसला आना बाकी है.