Indian students stranded in Iran: इजरायल द्वारा ईरान के प्रमुख शहरों पर जारी बमबारी के बीच, भारत ने तेहरान से कम से कम 10,000 फंसे हुए छात्रों की सुरक्षित निकासी के लिए सुरक्षित मार्ग उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है. भारत के इस अनुरोध का जवाब देते हुए, ईरान ने अपने हवाई क्षेत्र को बंद करने के बावजूद स्थल सीमाओं के उपयोग की अनुमति दी है.
ईरान ने कहा कि भारतीय छात्र अजरबैजान, तुर्कमेनिस्तान, और अफगानिस्तान की ओर जाने के लिए उसकी स्थल सीमाओं का उपयोग कर सकते हैं. भारत सरकार अपने नागरिकों को निकालने के लिए एक व्यापक अभियान पर विचार कर रही है. तेहरान स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को एक बयान में कहा, "कुछ मामलों में, दूतावास की सहायता से छात्रों को ईरान के भीतर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है. अन्य व्यवहार्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है.
तेहरानी हमला में भारतीय छात्र घायल
रविवार रात तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के छात्रावास के पास हुए हमले में कश्मीर के दो भारतीय छात्र घायल हो गए. दोनों की हालत स्थिर है और उन्हें सुरक्षा के लिए रामसर स्थानांतरित किया गया है. 22 साल के एमबीबीएस छात्र इम्तिसाल मोहिदीन ने एएनआई को बताया, "शुक्रवार को सुबह 2:30 बजे तेज धमाकों की आवाज सुनकर मैं जाग गया और बेसमेंट की ओर भागा. तब से हम सोये नहीं हैं." इम्तिसाल ने कहा, "हम अपने अपार्टमेंट के बेसमेंट में फंस गए हैं. हम हर रात धमाके सुनते हैं.''
जम्मू-कश्मीर के नेताओं की मांग
जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (JKPCC) के अध्यक्ष तारिक हमीद कर्रा ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से छात्रों की तत्काल निकासी की मांग की है. उन्होंने एक्स पर लिखा, "बढ़ते तनाव और अस्थिर स्थिति के बीच ईरान में पढ़ रहे जम्मू-कश्मीर के छात्रों को निकालने के लिए @DrSJaishankar द्वारा तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है.'' पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने भी छात्रों से भारतीय दूतावास से संपर्क करने की अपील की है.
छात्रों की सुरक्षा प्राथमिकता
ईरान में सैकड़ों भारतीय छात्र, खासकर जम्मू-कश्मीर के, चिकित्सा जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में पढ़ रहे हैं. भारतीय दूतावास ने छात्रों से लगातार संपर्क बनाए रखने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है.