नई दिल्ली: रविवार सुबह अफगानिस्तान के हिंदू कुश इलाके में 6.2 तीव्रता का एक तेज भूकंप आया. यह भूकंप उसी इलाके में हल्के भूकंप आने के ठीक एक दिन बाद हुआ. रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप सुबह 1:29 बजे स्थानीय समय पर आया. ये झटके इतने तेज थे कि लोगों ने इसे न सिर्फ अफगानिस्तान में बल्कि पाकिस्तान के इस्लामाबाद में भी महसूस किया.
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप का केंद्र उत्तरी अफगानिस्तान में मजार-ए-शरीफ शहर के पास, खुल्म से लगभग 22 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में था. इस भूकंप के झटके काबुल (अफगानिस्तान की राजधानी), मशहद (ईरान) और पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में भी महसूस किए गए.
शनिवार को इसी इलाके में 4.9 तीव्रता का भूकंप आया. यूरोपियन मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर ने पुष्टि कर बताया कि आस-पास के कई प्रांतों में भी लोगों ने झटके महसूस किए. इस दौरान किसी भी नुकसान की रिपोर्ट नहीं मिली.
बता दें कि USGS ने अपने PAGER सिस्टम के तहत एक ऑरेंज अलर्ट जारी किया. यह भूकंप से हुए संभावित नुकसान का पता लगाने में मदद करता है. जिन्हें नहीं पता है उन्हें बता दें कि ऑरेंज अलर्ट का मतलब है कि कई लोग मारे जा सकते हैं या घायल हो सकते हैं. इसके साथ ही ऑरेंज अलर्ट का मतलब भूकंप से नुकसान बड़े पैमाने पर हो सकता है.
हिंदू कुश इलाके में 31 अगस्त को 6.0 तीव्रता का तेज भूकंप आया. इस दौरान करीब 800 लोगों के मारे जाने की खबर थी. इससे यह 2023 के बाद से इस इलाके का सबसे जानलेवा भूकंप बन गया था. इससे भूस्खलन हुआ था जिससे सड़कें ब्लॉक हो गई थीं. वहीं, कुनार प्रांत में पहाड़ों की खड़ी ढलानों पर बने कई घरों को नुकसान पहुंचा था. कुल मिलाकर, 6,700 से ज्यादा घरों के क्षतिग्रस्त होने या पूरी तरह से नष्ट होने की खबर है.
पिछले कुछ भूकंपों के देखते हुए यह कहा जा सकता है कि अफगानिस्तान भूकंप के लिए काफी ज्यादा सेंसिटिव है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक भूकंपीय रूप से एक्टिव क्षेत्र में मौजूद है. बता दें कि हिंदू कुश पहाड़ उस जगह पर हैं, जहां यूरेशियन और भारतीय टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं. जब ये बड़ी प्लेटें एक-दूसरे से टकराती हैं, तो वो काफी ज्यादा एनर्जी छोड़ती हैं, जिससे भूकंप आते हैं.