menu-icon
India Daily

Year Ender 2025: महाकुंभ से वंदे मातरम तक, इस साल के वो खास इवेंट्स; जिसमें भारत की सांस्कृतिक विरासत का दुनिया में माना लोहा!

भारत अपनी समृद्ध संस्कृति, गहरी आध्यात्मिकता और प्राचीन परंपराओं के लिए हमेशा विशेष रहा है. 2025 में संस्कृति मंत्रालय के नेतृत्व में देशभर में ऐतिहासिक त्योहारों, राष्ट्रीय अभियानों और वैश्विक मान्यता के माध्यम से इस विरासत का भव्य जश्न मनाया गया.

princy
Edited By: Princy Sharma
Year Ender 2025 India Daily
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: भारत हमेशा से अपनी समृद्ध संस्कृति, गहरी आध्यात्मिकता और प्राचीन परंपराओं के लिए जाना जाता रहा है. 2025 में, संस्कृति मंत्रालय के नेतृत्व में ऐतिहासिक त्योहारों, राष्ट्रीय अभियानों और वैश्विक पहचान के जरिए देश भर में इस विरासत का बड़े पैमाने पर जश्न मनाया गया. यह साल हाल के समय के सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक मील के पत्थरों में से एक के रूप में सामने आया. 2025 की सबसे बड़ी खासियतों में से एक था 'वंदे मातरम' के 150 साल पूरे होने का राष्ट्रीय उत्सव. 

7 नवंबर को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें प्रधानमंत्री भी शामिल हुए. यह पूरे भारत में साल भर चलने वाले उत्सव की शुरुआत थी, जिसमें उस गीत को सम्मानित किया गया जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरित किया और आज भी देश को एकजुट करता है. एक विशेष अभियान वेबसाइट ने नागरिकों को वंदे मातरम गाते हुए खुद को रिकॉर्ड करने के लिए प्रोत्साहित किया, जिसमें 1.6 करोड़ से ज्यादा लोगों ने भाग लिया.

हर घर तिरंगा 2025 अभियान

एक और बड़ा पल था हर घर तिरंगा 2025 अभियान, जो भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के आसपास आयोजित किया गया था. 'नया भारत' थीम के साथ, इस अभियान में तिरंगे रंगोली, सेल्फी बूथ, बाइक रैलियां और संरक्षित स्मारकों पर शानदार तिरंगी रोशनी शामिल थी. इस पहल ने 15% लागत कम करते हुए व्यापक जनभागीदारी हासिल की, जो कुशल शासन और मजबूत सार्वजनिक भागीदारी को दर्शाता है.

जयति जय मम भारतम

गणतंत्र दिवस परेड 2025 में संस्कृति केंद्र में रही, जिसमें 'जयति जय मम भारतम' की शानदार प्रस्तुति दी गई. 5,000 से ज्यादा कलाकारों ने 50 से ज्यादा नृत्य रूपों के माध्यम से भारत की आदिवासी और लोक परंपराओं को प्रदर्शित किया. इस रिकॉर्ड-ब्रेकिंग प्रदर्शन ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह बनाई और भारत की विविधता में एकता को खूबसूरती से दिखाया.

महाकुंभ 2025

प्रयागराज में महाकुंभ 2025 एक और ऐतिहासिक आयोजन था. मंत्रालय ने एक विशाल कलाग्राम स्थापित किया, जहां पूरे भारत से 15,000 कलाकारों और शिल्पकारों ने 45 दिनों से ज्यादा समय तक पारंपरिक कलाओं का प्रदर्शन किया. यह एक प्रमुख सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र बन गया, जिसने लाखों आगंतुकों को आकर्षित किया और स्थायी आजीविका को बढ़ावा दिया. 

ये इवेंट्स भी शामिल

काशी तमिल संगमम 3.0, अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती, आपातकाल के 50 साल पूरे होने पर संविधान हत्या दिवस और चोल नौसैनिक अभियान की 1,000वीं वर्षगांठ जैसे आयोजनों ने भारत की सभ्यता की कहानी को और मजबूत किया. भारत को तब भी वैश्विक पहचान मिली जब मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स को देश की 44वीं यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में शामिल किया गया.

इस बीच, प्राचीन पांडुलिपियों को संरक्षित और डिजिटाइज करने के लिए ज्ञान भारतम पहल शुरू की गई, जिससे भारत की ज्ञान परंपरा को बढ़ावा मिला. आदिवासी व्यापार सम्मेलनों से लेकर रामायण उत्सवों और राष्ट्रीय हस्तियों की वर्षगांठ तक, 2025 ने साबित कर दिया कि भारत न केवल अपनी विरासत को संरक्षित कर रहा है, बल्कि गर्व से इसे दुनिया के सामने पेश भी कर रहा है.