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India Daily

अमेठी और रायबरेली सीट पर राहुल के लेफ्टिनेंट बनेंगे अखिलेश यादव, समझें सियासी माजरा?

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने रायबरेली या अमेठी में भारत जोड़ो न्याय यात्रा का हिस्सा बनने का ऐलान किया है. वैसे तो ये दोनों सीटें कांग्रेस पार्टी की पंरपरागत सीट रही है लेकिन अखिलेश यादव के वहां शामिल होने के अपने अलग मायने है.

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Edited By: Avinash Kumar Singh
akhilesh yadav

नई दिल्ली: 2024 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा यूपी में दाखिल होने वाली हैं. कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शामिल होने का फैसला लिया हैं. दरअसल इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अखिलेश यादव को राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए निमंत्रण पत्र भेजा था. 

अखिलेश यादव को 16 फरवरी को चंदौली के सैयदराजा में नेशनल इंटर कॉलेज में एक सार्वजनिक रैली के दौरान राहुल गांधी के साथ मंच साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया है. यह यात्रा 16 फरवरी को उत्तर प्रदेश पहुंच रही है. जो यूपी में करीब 11 दिनों तक रहेगी. ऐसे में अमेठी या रायबरेली में भारत जोड़ो न्याय यात्रा में अखिलेश यादव के शामिल होने की संभावना है. 

भारत जोड़ो न्याय यात्रा में अखिलेश यादव लेंगे हिस्सा 

बीते दिनों सपा ने कांग्रेस पार्टी को 11 सीटें देने का ऐलान किया था. सपा के इस प्रस्ताव पर प्रदेश कांग्रेस इकाई और हाईकमान ने  सवाल खड़े कर हैं. अभी तक की सियासी तस्वीर से यह साफ है कि इंडिया गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है. अखिलेश यादव रायबरेली और अमेठी लोकसभा सीट कांग्रेस को देना चाहती है. जो उनकी पंरपरागत सीट रही है. ऐसे में अखिलेश यादव की कोशिश इन दोनों क्षेत्रों में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान शिरकत करते हुए बड़ा संदेश देने की है. 

अमेठी या रायबरेली के पीछे क्या है रणनीति?  

अखिलेश यादव अगर यात्रा में शामिल होते है तो नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ इंडिया गठबंधन की मजबूती का अच्छा संदेश जाएगा. इन दोनों सीटों पर सपा के अपने कोर वोट बैंक हैं. ऐसे में अखिलेश यादव अगर राहुल गांधी के साथ अमेठी या रायबरेली में नजर आते है तो इसे लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी की चुनावी पिच की मजबूती माना जा सकता है. सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव अमेठी और रायबरेली की सीट हमेशा गांधी परिवार के लिए छोड़ते आये हैं. ऐसे में भारत जोड़ो न्याय यात्रा में अखिलेश का शामिल होना उनकी चुनावी रणनीति का हिस्सा होने के साथ-साथ पिता की पूरानी परंपरा को निभाने के कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.