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India Daily

शशि थरूर को 'हिंदू होने पर गर्व' क्यों है? कांग्रेस सांसद ने वीडियो शेयर कर समझाया!

वीडियो में कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें स्वामी विवेकानंद की तरह हिंदू होने पर गर्व है, लेकिन यह किसी हिंदुत्व कट्टरपंथी का गर्व नहीं है.

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Edited By: Mayank Tiwari
Congress leader Shashi Tharoor
Courtesy: Social Media

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने हिंदू धर्म की विशेषताओं को रेखांकित किया. उन्होंने इसे 33 करोड़ दिव्य रूपों की आस्था और स्वीकार्यता व बहुलतावाद में निहित धर्म बताया. यह वीडियो, जो सबसे पहले यूजर सिमरन भाटिया ने X पर पोस्ट किया था, हिंदू धर्म की उदारता और लचीलेपन को दर्शाता है. 

वीडियो में थरूर ने हिंदू धर्म को गहराई से व्यक्तिगत और कठोर संरचनाओं से मुक्त बताया. उन्होंने कहा, "मैं एक हिंदू हूं, और यह मेरे और मेरे निर्माता की अवधारणा के बीच का मामला है. 33 करोड़ तरीकों से आप दिव्यता का नामकरण और कल्पना कर सकते हैं. आप अपने हिसाब से चुनें, चाहे आधा दर्जन या दर्जन चुनें...हमारे पास कोई हिंदू पोप नहीं है, कोई हिंदू रविवार नहीं है, और आप सप्ताह के किसी भी दिन अपने इष्ट देवता की पूजा कर सकते हैं, उनके लिए उपवास रख सकते हैं या प्रार्थना कर सकते हैं.

हिंदू धर्म: व्यक्तिगत और लचीला

"सिमरन भाटिया ने वीडियो साझा करते हुए लिखा, "शशि थरूर ने हिंदू धर्म को पूरी तरह समझा है. यह सच है कि हिंदू धर्म कठोर नहीं है, उस एकमात्र दिव्य से जुड़ने के अनंत तरीके हैं और यह भी सच है कि हिंदू धर्म सभी को समाहित करता है, इसमें अतिवाद और कट्टरता की कोई जगह नहीं है.

स्वामी विवेकानंद की तरह हिंदू होने पर गर्व

थरूर ने जोर देकर कहा कि वे स्वामी विवेकानंद की तरह हिंदू होने पर गर्व करते हैं, न कि हिंदुत्व के कट्टर समर्थक की तरह. उन्होंने कहा, "आप यह भी तय कर सकते हैं कि आप निर्गुण ब्रह्म को पसंद करते हैं. बिना रूप, बिना गुण, बिना आकार, बिना लिंग के ईश्वर, और उसकी चाहत रख सकते हैं...हिंदू धर्म जो विकल्प देता है, वह मेरे लिए अद्भुत है.

इस अर्थ में, मुझे हिंदू होने पर गर्व है."उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी हिंदू पहचान हिंसक हिंदुत्व की नहीं है. "मेरा हिंदू होने का गर्व स्वामी विवेकानंद की तरह का गर्व है. यह उस हिंदुत्व कट्टरपंथी का गर्व नहीं है जो ब्रिटिश फुटबॉल गुंडे की तरह व्यवहार करता है. अगर आप मेरी टीम का समर्थन नहीं करते, तो मैं आपके सिर पर प्रहार करूंगा. यह हिंदू धर्म नहीं है.

"'व्हाई आई एम अ हिंदू' में हिंदू धर्म की व्याख्या

थरूर ने अपनी पुस्तक 'व्हाई आई एम अ हिंदू' में हिंदू धर्म की दार्शनिक जड़ों की पड़ताल की है, जिसमें उन्होंने इसके बहुलतावाद, सहिष्णुता और समावेशिता का उत्सव मनाया है. उन्होंने हिंदुत्व को हिंदू धर्म के सार का राजनीतिक विकृत रूप बताया. पुस्तक में वे एक करुणामय और खुले दिमाग की हिंदू पहचान की वकालत करते हैं, जो बहुसंख्यकवादी ताकतों से हिंदू धर्म को पुनः प्राप्त करने और इसकी सच्ची आध्यात्मिक गहराई को अपनाने की बात करती है.