केरल कांग्रेस नेताओं की खुली आलोचना का सामना कर रहे शशि थरूर ने मंगलवार को पलटवार करते हुए इन दावों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. "जो लोग ऐसा कह रहे हैं, उनके पास भी ऐसा कहने का कोई आधार होना चाहिए... वे कौन हैं? उनकी पार्टी की क्या स्थिति है... मैं जानना चाहता हूं. मुझे दूसरों के व्यवहार के बारे में बताने के लिए मत कहिए... आप उनसे उनके व्यवहार के बारे में बात कीजिए. मैं सिर्फ अपने व्यवहार के बारे में ही बात कर सकता हूं," थरूर से जब साथी कांग्रेस नेताओं के बयानों के बारे में पूछा गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनकी यह टिप्पणी केरल के दो वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं - राजमोहन उन्नीथन और के मुरलीधरन - द्वारा थरूर पर सीधा हमला करने के एक दिन बाद आई है, जिसमें उन्होंने उन पर पार्टी लाइन को कमजोर करने और प्रमुख मुद्दों पर मोदी सरकार का पक्ष लेने का आरोप लगाया था.
VIDEO | Parliament Monsoon Session: Reacting over his party colleague K Muraleedharan's 'no longer one of us' remark, Congress MP Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) says, "People saying this also have to have a basis of saying this... who are they? what is their party position... I… pic.twitter.com/BvixKbRPuQ
— Press Trust of India (@PTI_News) July 22, 2025
उन्नीथन ने आरोप लगाया कि थरूर ने पार्टी की आंतरिक चर्चाओं को प्रधानमंत्री के साथ साझा किया और मांग की कि उन्हें कांग्रेस संसदीय दल की बैठकों में शामिल होने से रोका जाए. उन्होंने कहा, "थरूर को अब कांग्रेस संसदीय दल की बैठकों में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. वहां जो भी चर्चा होती है, वह प्रधानमंत्री मोदी को बताते हैं." मुरलीधरन ने आगे कहा कि पार्टी की राज्य इकाई अब थरूर के साथ कोई बातचीत नहीं करेगी. उन्होंने कहा, "हम केरल में उनके साथ सहयोग करने को तैयार नहीं हैं क्योंकि वह हमेशा कांग्रेस और इंदिरा गांधी पर हमला करते रहते हैं. जब तक वह अपना रुख नहीं बदलते, हम उन्हें तिरुवनंतपुरम में आयोजित किसी भी पार्टी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं करेंगे."
थरूर और पार्टी के बीच महीनों से तनातनी चल रही है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सार्वजनिक प्रशंसा, ऑपरेशन सिंदूर के समर्थन और हाल ही में आपातकाल व संजय गांधी की आलोचना करने वाली टिप्पणियों से और बढ़ गई है.
उन्नीथन ने कहा, "उन्हें पार्टी द्वारा निकाले जाने का इंतजार करने की जरूरत नहीं है. ऐसा होने वाला नहीं है लेकिन वह साफ तौर पर बाहर होना चाहते हैं. बेहतर होगा कि वह खुद ही चले जाएं." थरूर ने पहले अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा था कि राष्ट्रीय हित पार्टी निष्ठा से ऊपर है. हाल ही में कोच्चि में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, "कभी-कभी पार्टियों को लगता है कि यह उनके प्रति बेवफाई है... मेरे हिसाब से, राष्ट्र पहले आता है."