भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अपनी 14 दिन की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) यात्रा के दौरान भारतीय व्यंजनों का स्वाद अंतरिक्ष में ले जा रहे हैं. उनके साथ पैकेज्ड मैंगो नेक्टर, रेडी-टू-ईट मूंग दाल हलवा और गाजर हलवा जैसे स्वादिष्ट भारतीय व्यंजन हैं. शुभांशु इन व्यंजनों को अपने सहयात्रियों-एक्सिओम-04 मिशन की कमांडर पेगी व्हिटसन, हंगरी के तिबोर कपु और पोलैंड के स्लावोस उज़्नान्स्की-विस्निव्स्की के साथ साझा करेंगे, जो भारतीय स्वाद का अनुभव करेंगे.
गगनयान मिशन के लिए खास चयन
ये खाद्य पदार्थ मैसूर के डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ बायो-डिफेंस टेक्नोलॉजीज (डीआईबीटी) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा गगनयान मिशन के लिए सावधानीपूर्वक चुने गए हैं. गगनयान, भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन, 2027 की पहली तिमाही में शुरू होगा. डीआईबीटी के निदेशक आर. कुमार ने एक टीवी चैनल को बताया, “चूंकि हमने इन खाद्य पदार्थों को गगनयान मिशन के लिए पहले ही चुना था, इसलिए शुभांशु इन्हें अंतरिक्ष में ले गए हैं.” यह संस्थान न केवल खाद्यजनन रोगजनकों और विषाक्त पदार्थों का पता लगाने वाली तकनीकों पर काम करता है, बल्कि सैन्य पोषण में भी अनुसंधान करता है.
अंतरिक्ष में खाने के लिए स्पेशल फूड
ये खाद्य पदार्थ नासा के मानकों के अनुसार बिना प्रिजर्वेटिव्स के तैयार किए गए हैं, जो व्यावसायिक रूप से निष्फल (कमर्शियल स्टेराइल) हैं और सामान्य तापमान पर 12 महीने तक स्टोर किए जा सकते हैं. इन्हें मल्टी-लेयर पैकेजिंग में 100 ग्राम के पाउच में पैक किया गया है, जिससे इन्हें ले जाना और खाना आसान है. ये पाउच बिना प्लेट में निकाले सीधे खाए जा सकते हैं.
अपने साथ हंस का खिलौना क्यों ले गए शुभांशु
शुक्ला और उनकी टीम एक छोटा सफेद हंस खिलौना ‘जॉय’ भी साथ ले जा रहे हैं. यह हंस ज्ञान की देवी सरस्वती का वाहन है और पोलैंड में पवित्रता व लचीलापन, जबकि हंगरी में निष्ठा व अनुग्रह का प्रतीक है.
शुभांशु का डाइट चार्ट
नट्स, ग्रेनोला बार और कुकीज़ जैसे प्राकृतिक खाद्य पदार्थ भी शामिल हैं, जो पारदर्शी, लचीले पाउच में पैक किए गए हैं. इन्हें कैंची से काटकर बिना किसी अतिरिक्त तैयारी के अंतरिक्ष में खाया जा सकता है.