Omar Abdullah: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा अपने पहले कार्यक्रम में क्षेत्र से राज्य का दर्जा और विशेष दर्जा छीनने के केंद्र के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेगी. उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद राज्य का दर्जा और लोगों से छीने गए अधिकारों की बहाली के लिए उनकी पार्टी संघर्ष करेगी.
उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि नव निर्वाचित मुख्यमंत्री का एक मुख्य काम यह सुनिश्चित करना होगा कि जम्मू-कश्मीर को जल्द से जल्द पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाए क्योंकि एक राज्य के तौर पर ही हम 2019 के बाद जम्मू-कश्मीर को हुए नुकसान की भरपाई कर सकते हैं.
एनडीटीवी के साथ एक इंटरव्यू में अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की निर्वाचित विधानसभा का पहला कार्य यह होना चाहिए कि वह न केवल शेष भारत को बल्कि पूरी दुनिया को यह बताएं कि जम्मू-कश्मीर के लोग 5 अगस्त 2019 को हमारे साथ जो हुआ उससे सहमत नहीं हैं और फिर हम वही करना शुरू कर दें जो हमारे साथ किया गया था.
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा था कि दिसंबर 2014 के बाद से केंद्र शासित प्रदेश में पहला विधानसभा चुनाव 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होगा. वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को की जाएगी. इस बीच अब्दुल्ला ने जम्मू और कश्मीर में आगामी चुनावों को पिछली तीन पीढ़ियों में सबसे महत्वपूर्ण बताया है. 54 वर्षीय पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये सब तब हो रहा है जब लद्दाख हमारा हिस्सा नहीं है. ये सब परिसीमन और हमारे विशेष दर्जे को खत्म करने के बाद हो रहा है. इसके नतीजे बहुत ही भयावह होंगे.
90 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनावों की घोषणा ऐसे समय में की गई है जब कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के केंद्र के फैसले को बरकरार रखा था. कोर्ट ने निर्देश दिया था कि 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराए जाएं. जम्मू-कश्मीर में आखिरी विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर 2014 में हुए थे.