menu-icon
India Daily

Relative Impotency: 17 दिन में ही अलग हुआ कपल, हाई कोर्ट ने शादी को बताया अवैध, आखिर कैसे? कानून जान लीजिए

जस्टिस विभा कांकणवाड़ी और जस्टिस चपलगांवकर की बेंच ने कहा कुछ ऐसे भी जोड़ो होते हैं जो आपस में शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक तौर पर पर नहीं जुड़ पाते. कोर्ट का यह जजमेंट बेहद दिलचस्प है. पढ़ें पूरा केस.

auth-image
Edited By: India Daily Live
Bombay High Court
Courtesy: Social Media

भारत में तलाक एक लंबी, बोझिल और थकाऊ प्रक्रिया है. पति-पत्नी दोनों पक्षों को कोर्ट-कचहरी के बार-बार चक्कर लगाने पड़ते हैं. अगर आपसी सहमति से भी तलाक हो तो भी तलाक की प्रक्रिया फैमिली कोर्ट में धीमी होती है. महाराष्ट्र के बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच ने एक कपल को महज 17 दिनों के भीतर की तलाक लेने की इजाजत दे दी है. वजह पति की 'रिलेटिव इंपोटेंसी' है.

यह कपल शादी के बाद शारीरिक संबंध नहीं बना पाया था क्योंकि पति रेलिटिव इंपोटेंसी से जूझ रहा था. कोर्ट ने कहा है कि निराशा की स्थिति में ऐसी पीड़ाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

जस्टिस विभा कांकणवाड़ी और जस्टिस एस जी चपलगांवकर की बेंच ने 15 अप्रैल को सुनाए गए एक फैसले में कहा, 'अगर युवा शादी के बाद अपने पार्टनर के साथ मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक तौर पर नहीं जुड़ रहे हैं तो वे शादी से पीड़ित हैं.'

क्या है यह केस?
एक 27 साल के युवक ने हाई कोर्ट में फरवरी 2024 में एक याचिका दायर की थी. उसकी पत्नी ने एक फैमिली कोर्ट में शादी को खत्म करने के लिए एक फैमिली कोर्ट में अर्जी दी थी. शुरुआती दौर में ही शादी रद्द होने की अर्जी के खिलाफ पति ने कोर्ट का रुख किया था. हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि रिलेटिव इंपोटेंसी, सामान्य नपुंसकता से अलग है. सामान्य तौर पर नपुंसकता और रिलेटिव नपुंसकता में अंतर होता है. 

क्या होती है रिलेटिव इंपोटेंसी?
रिलेटिव इंपोटेंसी का मतलब ऐसी स्थिति होती है, जब शख्स अपनी पत्नी के साथ संबंध नहीं बना पाता लेकिन दूसरे किसी के साथ वह संबंध बनाने में सक्षम होता है. रिलेटिव इंपोटेंसी के पीछे कई मानसिक और शारिरिक कारण हो सकते हैं, जिसकी वजह से सामन्यतौर पर कपल एक-दूसरे से शारीरिक संबंध नहीं बना पाते हैं.

शादी के 17 दिन बाद ही अलग हो गया था कपल
हाई कोर्ट ने कहा, 'ऐसा उसने खुद माना है. यह उसके जीवन पर धब्बा नहीं है. रिलेटिव इंपोटेंसी, सामान्य नपुंसकता से अलग होती है. यह उसे नपुंसक साबित नहीं करता है.' इस कपल की शादी मार्च 2023 में हुई थी लेकिन दोनों शादी के 17 दिन बाद ही अलग हो गए थे. दोनों की शादी पूरी कोर्ट ने मानी ही नहीं. 

रिलेटिव इंपोटेंसी की कई हो सकती हैं वजहें

कोर्ट ने पति की रिलेटिव इंपोटेंसी की वजह से शादी को अमान्य करार दे दिया. कोर्ट ने कहा कि इसके पीछे तमाम मानसिक और शारीरिक कारण जिम्मेदार होते हैं. महिला ने अपनी अर्जी में कोर्ट से अपील की थी कि उसके पति को रिलेटिव इंपोटेंसी है. वह मानसिक, भावनात्मक और फिजिकली उसके साथ जुड़ाव नहीं महसूस करता है.

शुरुआत में शख्स ने कोर्ट में एफिडेविट दिया था कि महिला इसके लिए जिम्मेदार है, इसलिए संबंध नहीं बने. बाद में खुद उसने रिलेटिव इंपोटेंसी की बात मान ली थी. फैमिली कोर्ट से दोनों की याचिका खारिज हो गई थी, जिसके आदेश को हाई कोर्ट ने अब रद्द कर दिया है.