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'छुट्टी मंजूर हो गई है, बस दुश्मनों को ....', शहीद होने से पहले आखिरी बातचीत में क्या बोले थे सिपाही अजय सिंह नाकुरा

Sepoy Ajay Singh Nakura Last Words: जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए सैनिकों में राजस्थान के झुंझुनू जिले के वीर सपूत अजय सिंह नरूका भी शामिल हैं. अजय सिंह ने शहादत से कुछ घंटे पहले ही अपने राजस्थान स्थित परिवार को फोन किया था और बताया था कि उनकी छुट्टी मंजूर हो गई है और वह 20 जुलाई को घर आ रहे हैं.

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Edited By: India Daily Live
Sepoy Ajay Singh Naruka
Courtesy: Social

Sepoy Ajay Singh Nakura Last Words: जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए सैनिकों में से एक, राजस्थान के झुंझुनू के रहने वाले सिपाही अजय सिंह नरूका की कहानी दिल को झकझोर देने वाली है.

शहादत से कुछ घंटे पहले ही दी थी छुट्टी मंजूर होने की खबर

शहादत से कुछ घंटे पहले ही अजय ने अपने परिवार को फोन किया था. उन्होंने बताया कि उनकी छुट्टी मंजूर हो गई है और वह 20 जुलाई को घर आ रहे हैं लेकिन दुखद खबर है कि आज सुबह उनके पिता को सेना से फोन आया कि अजय अब इस दुनिया में नहीं रहे.

अजय के चाचा ओम प्रकाश, जो राजस्थान पुलिस में असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर हैं, ने बताया, "अजय ने कल ही घर फोन किया था और कहा था कि वह ठीक है, हालांकि वहां लड़ाई चल रही है. उसने कहा, 'झगड़ा हो ही रहा है, आप जानते हो आप लोग टीवी देखते हो' लेकिन छुट्टी मिल गई है मैं तो घर आ रहा हूं."

3 महीने पहले ही आए थे घर

अजय उन चार सैनिकों में से एक थे, जिनमें एक मेजर रैंक का अधिकारी भी शामिल था, जो डोडा जिले के देसा जंगलों में सोमवार रात मुठभेड़ के बाद घायल हो गए थे और बाद में दम तोड़ दिया. अजय करीब तीन महीने पहले ही अपने गांव भैसवाता कलां आए थे. उनके परिवार में अब उनकी पत्नी शालू कंवर और माता-पिता हैं. अजय और शालू की शादी दो साल पहले हुई थी और उनके कोई संतान नहीं है.

अजय का एक छोटा भाई है जो एम्स, बठिंडा से एमबीबीएस कर रहा है. इस क्षेत्र के अधिकांश परिवारों की तरह, नरूका परिवार ने भी कई सदस्यों को सशस्त्र बलों में भेजा है और अजय कर्तव्यनिष्ठ शहादत देने वाले परिवार के पहले व्यक्ति नहीं हैं.

परिवार के कई लोग पहले भी हो चुके हैं शहीद

ओम प्रकाश ने बताया कि उनके भाई सुजान सिंह, जो बीएसएफ में तैनात थे, 14 दिसंबर, 2021 को शहीद हो गए थे. सुजान ओडिशा के लक्ष्मीपुर में बीएसएफ अभियान के दौरान नक्सलियों के हमले में शहीद हुए थे.

अजय के पिता कमल सिंह भी 2014-15 में सेना से सेवानिवृत्त हुए थे, जबकि उनके एक अन्य चाचा, कयाम सिंह नरूका को 2021 में सेना मेडल से सम्मानित किया गया था. ओम प्रकाश ने बताया कि अजय के पार्थिव शरीर के मंगलवार शाम 7 बजे के करीब जयपुर पहुंचने की उम्मीद है.

सीएम भजनलाल ने भी दी श्रद्धांजलि

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सोशल मीडिया पर शहीद अजय सिंह नरूका को श्रद्धांजलि दी है. उन्होंने कहा, "जम्मू और कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के कायरतापूर्ण हमले में शहीद हुए भैसवाता कलां गांव, सिंघाना, राजस्थान के वीर सपूत अजय सिंह नरूका जी को विनम्र श्रद्धांजलि. शहीद अजय सिंह नरूका जी के परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं हैं. मैं भगवान श्री राम से दिवंगत वीर आत्मा को शांति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं. ॐ शांति!"

अजय सिंह नरूका की शहादत न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा नुकसान है. उनकी कहानी हमें उन बहादुर सैनिकों के बलिदान की याद दिलाती है जो हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं.