भारत के आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर बात करते समय रूस-यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि तीन साल पहले जब रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जंग शुरू की थी तो हमें लगा था कि ये युद्ध सिर्फ 10 दिन चलेगा. दोनों देशों के बीच युद्ध को रोकने की कोशिश पूरी दुनिया में हो रही है लेकिन अभी तक इसमें सफलता मिलती नहीं दिख रही है. रूस-यूक्रेन के बीच शांति समझौते की हर पहल असफल हो रही है क्योंकि दोनों देशों के बीच सहमति नहीं बन पा रहा है.
उपेंद्र द्विवेदी ने आगे कहा कि ईरान-इराक युद्ध करीब 10 साल तक चला. ऑपरेशन सिंदूर पर बात करते हुए आर्मी चीफ ने कहा कि हमें यकीन नहीं था कि ये कितने दिनों तक चलेगा और हम लोगों में से अधिकतर लोग यही सोच रहे थे कि ये चार दिन के टेस्ट मैच की तरह ही क्यों खत्म हो गया. युद्ध हमेशा अप्रत्याशित होता है. हम किसी भी मुद्दे के मनौवैज्ञानिक प्रभाव के बारे में अनिश्चित होते हैं.
#WATCH | Delhi | Chief of the Army Staff Gen Upendra Dwivedi says, "When Russia went in for war, we always thought that this war would last only for 10 days. The Iran-Iraq war, when we saw it, lasted for approximately 10 years. But when it came to the Operation SINDOOR, we were… pic.twitter.com/kJHE60KtBv
— ANI (@ANI) September 9, 2025
आर्मी चीफ ने आगे कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर जो अनुमान लगाया था शायद वो एक गलत अनुमान था. हमें ये समझना होगा कि दुश्मन के पास कौन सी तकनीक है जो युद्ध को लंबा खींच सकती है. इसके साथ ही हमें ये सुनिश्चित करना होगा कि हमारे पास लंबी लड़ाई लड़ने के लिए जरूरी पर्याप्त संसाधन हों. हमने गौर किया है कि ऐसे सभी युद्धों में डेविड बनाम गोलियाथ प्रणाली काम नहीं कर रही है. उन पर कम लागत वाली, उच्च तकनीक का प्रभाव पड़ रहा है. ऐसे में अगर आपके पास कम लागत वाली, उच्च तकनीक है, तो आप एक मजबूत प्रतिद्वंद्वी को भी हरा पाएंगे.
आप जानते हैं कि पहलगाम आतंकी हमले का जवाब देने के लिए भारत की तीनों सेनाओं ने मिलकर ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया था. पाकिस्तान में घुसकर भारत ने आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था. इससे पाकिस्तान बौखला गया था और जवाबी कार्रवाई की थी.