नई दिल्ली: असम के कार्बी आंगलोंग जिले में मंगलवार को एक बार फिर हालात बेकाबू हो गए. निषेधाज्ञा और सुरक्षा इंतजामों के बावजूद दो विरोधी गुटों के आमने-सामने आ जाने से हिंसा भड़क उठी, जिसमें कम से कम आठ लोगों के घायल होने की खबर है.
अधिकारियों के अनुसार, खेरोनी बाजार इलाके में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो गए थे. इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे, जिनकी दुकानों को सोमवार को हुई हिंसा के दौरान आग के हवाले कर दिया गया था. दूसरी ओर, आदिवासी बेल्ट और रिजर्व क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने की मांग कर रहे आंदोलनकारी भी उसी इलाके में जमा हो गए, जिससे हालात और ज्यादा तनावपूर्ण हो गए.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों पक्षों में पहले नारेबाजी हुई और फिर अचानक पत्थरबाजी शुरू हो गई. इस झड़प में कई प्रदर्शनकारी, पुलिसकर्मी और कुछ मीडियाकर्मी भी घायल हो गए. इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं, हालांकि तनाव अब भी बना हुआ है.
हिंसा से पहले प्रदर्शनकारियों ने खेरोनी में दो मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया था. इससे पहले सोमवार को भी हालात काफी खराब हो गए थे, जब पुलिस फायरिंग में चार लोग घायल हो गए थे. उस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य तुलिराम रोंगहांग के आवास और खेरोनी बाजार की करीब 15 दुकानों में आग लगा दी थी. स्थानीय पुलिस स्टेशन पर हमला करने की कोशिश भी की गई थी, जिसे सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया.
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने स्थिति को बेहद संवेदनशील बताया है. उन्होंने कहा कि वरिष्ठ मंत्री रानोज पेगू मौके पर मौजूद हैं और सरकार हालात पर नजर बनाए हुए है. सरमा ने भरोसा जताया कि बातचीत के जरिए मामला सुलझाया जाएगा.
मंगलवार को ही प्रदर्शनकारियों ने मंत्री रानोज पेगू से बातचीत के बाद 12 दिन से जारी भूख हड़ताल खत्म कर दी थी. आंदोलनकारी आदिवासी बेल्ट क्षेत्रों से अवैध बसने वालों को हटाने की मांग कर रहे हैं. सरकार की ओर से मुख्यमंत्री की मौजूदगी में त्रिपक्षीय बातचीत का आश्वासन दिए जाने के बाद हड़ताल समाप्त की गई.
हिंसा को देखते हुए कार्बी आंगलोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले में निषेधाज्ञा के साथ-साथ रात का कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. शाम 5 बजे से सुबह 6 बजे तक लोगों और वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. डीजीपी हरमीत सिंह ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा किया है.
मंत्री रानोज पेगू ने कहा कि विवाद की जड़ प्रोफेशनल ग्रेजिंग रिजर्व और विलेज ग्रेजिंग रिजर्व की जमीन पर अतिक्रमण है. पिछले साल इन अतिक्रमणों को हटाने की कोशिश पर गुवाहाटी हाई कोर्ट ने रोक लगा दी थी. उन्होंने कहा कि यह मामला केवल बातचीत से ही सुलझ सकता है और सरकार दोनों पक्षों से संवाद कर रही है.