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India Daily

Ahmedabad Plane Crash: विजय रूपाणी ने मौत से दो महीने पहले किया था बोइंग कॉकपिट का निरीक्षण, चौंकाने वाली जानकारियां आई सामने

Ahmedabad Plane Crash: पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अप्रैल में एक बोइंग विमान के कॉकपिट में जाकर उड़ान तकनीक को करीब से समझा था लेकिन दो महीने बाद, जून में हुए एयर इंडिया AI 171 के हादसे में उनकी दुखद मृत्यु हो गई. यह हादसा न केवल विमानन सुरक्षा पर सवाल उठाता है, बल्कि एक दुखद संयोग की याद भी दिलाता है.

Sagar
Edited By: Sagar Bhardwaj
Gujarat Chief Minister Vijay Rupani
Courtesy: Social Media

Ahmedabad Plane Crash: पूर्व गुजरात मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की मौत से दो महीने पहले की एक घटना आज चर्चा का विषय बन गई है. अप्रैल में, विजय रूपाणी ने एक विमान के कॉकपिट का निरीक्षण किया था और पायलट सीट पर बैठकर विमान संचालन से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जानकारी ली थी. यह वही समय था जब उन्होंने बोइंग 787 ड्रीमलाइनर जैसे विमान के तकनीकी पक्षों को लेकर काफी उत्साह दिखाया था लेकिन अफसोसजनक रूप से, जून में इसी मॉडल के एयर इंडिया विमान की दुर्घटना में उनकी जान चली गई.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कैप्टन उमंग जानी, जो उस उड़ान के कमांडर थे जिसमें रूपाणी कॉकपिट का निरीक्षण कर रहे थे, उन्होंने बताया कि विजय रूपाणी ने कई तकनीकी सवाल पूछे थे. उन्होंने उड़ान के नियंत्रण, इंजन प्रणाली, और नेविगेशन उपकरणों को लेकर गहरी जिज्ञासा दिखाई थी. "वो बहुत ध्यान से हर चीज देख रहे थे. उन्होंने पायलट की सीट पर बैठकर महसूस किया कि विमान कैसे उड़ाया जाता है. कैप्टन जानी ने बताया कि उन्हें उड़ान प्रक्रिया को समझने में बहुत रुचि थी." 

जून में हुई थी दर्दनाक दुर्घटना

18 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI 171, जो दिल्ली से अहमदाबाद आ रही थी. लैंडिंग के दौरान तकनीकी खराबी का शिकार हो गई और अहमदाबाद के मेघाणीनगर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इस दुर्घटना में विमान में सवार सभी 241 यात्रियों की मौत हो गई, जिनमें विजय रूपाणी भी शामिल थे. इसके अतिरिक्त, जमीन पर मौजूद 20 से अधिक स्थानीय लोगों की भी जान गई, जिससे यह हादसा और भी भयावह बन गया.

सुरक्षा पर उठे सवाल

इस दुर्घटना के बाद एयरलाइन की तकनीकी जांच शुरू की गई है. प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, लैंडिंग गियर फेल होने और इंजन में आग लगने की संभावना जताई जा रही है. एयर इंडिया और डीजीसीए यानी नागर विमानन महानिदेशालय ने संयुक्त जांच शुरू की है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते तकनीकी संकेतों पर ध्यान दिया जाता, तो इतनी बड़ी त्रासदी से बचा जा सकता था.

दुखद संयोग उजागर 

यह घटना एक दुखद संयोग को उजागर करती है. जहां एक व्यक्ति दो महीने पहले विमान तकनीक को जानने में रुचि दिखा रहा था, वही व्यक्ति उसी मॉडल के विमान की भयावह दुर्घटना का शिकार बन गया.