Baba Tarsem Singh Murder: नानकमत्ता गुरुद्वारे के 'कारसेवा' प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या के मामले में शूटर और मुख्य आरोपी अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू तड़के हरिद्वार के भगवानपुर इलाके में उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के साथ मुठभेड़ में मारा गया. एसटीएफ और गरिद्वार पुलिस ने मिलकर उसका एनकाउंटर किया. वहीं दूसरा आरोपी भागने में कामयाब रहा. पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार ने समाचार एजेंसी को बताया कि अमरजीत सिंह नाम का शूटर मारा गया. उसके सिर पर 1 लाख का इनाम था, जबकि उसका साथी भाग गया. शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स और हरिद्वार पुलिस ने फरार आरोपियों का पता लगाने के लिए एक संयुक्त अभियान शुरू किया है. पुलिस ने कहा कि अमरजीत सिंह के खिलाफ 16 से अधिक मामले दर्ज थे.
उत्तराखंड के डीजीपी अभिनव कुमार ने बताया कि तरसेम की हत्या के बाद पुलिस और एसटीएफ लगातार दोनों आरोपियों की तलाश कर रही थी.उत्तराखंड में ऐसे जघन्य अपराध करने वालों से पुलिस सख्ती से निपटेगी.
नानकमत्ता गुरुद्वारे के 'कारसेवा' प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की 28 मार्च को उधम सिंह नगर के नानकमत्ता गुरुद्वारे में दो बाइक सवार हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्या के कुछ दिनों बाद नानकमत्ता पुलिस स्टेशन में पूर्व आईएएस अधिकारी हरबंश सिंह चुघ और दो अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिनकी पहचान प्रीतम सिंह और बाबा अनूप सिंह के रूप में की गई.
कारसेवा के एक सेवादार जसबीर सिंह ने आरोप लगाया कि चुघ ने एफआईआर में नामित दो अन्य लोगों के साथ मिलकर तरसेम सिंह की हत्या की साजिश रची. एएनआई ने बताया कि उन्होंने कथित हत्या की साजिश में अन्य लोगों के शामिल होने का भी दावा किया. राज्य पुलिस ने पहले कहा था कि वे हत्या की गहन जांच कर रहे हैं और अन्य आरोपियों की तलाश में उत्तर प्रदेश और पंजाब में जगह-जगह छापेमारी कर रहे हैं. वारदात के वक्त तरन तारण का रहने वाला सरबजीत सिंह बाइक चला रहा था, जबकि उसके पीछे अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू बैठा था.