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तरन तारन की घटना हमें याद दिलाती है द्रौपदी का चीरहरण, पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने क्यों कहा?

Punjab And Haryana High Court: पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने तरन तारन की एक महिला पर हमले की तुलना महाभारत काल में द्रौपदी के चीरहरण से की है. कोर्ट ने इस घटना को लेकर कहा कि ऐसी घटनाओं पर न्यायिक हस्तक्षेप बहुत जरूरी है.

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Punjab and Haryana high court

Punjab And Haryana High Court: पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ने तरन तारन की 55 साल की महिला पर हुए हमले की तुलना द्रौपदी के चीरहरण से कही है. कोर्ट ने घटना को लेकर कहा कि एक सामान्य आदमी आज भी ऐसी उम्मीद नहीं कर सकता. कोर्ट ने कहा कि प्रशासन की नाक के नीचे पापपूर्ण और खुले तौर पर होने वाली ऐसी घटना में न्यायपालिका मूकदर्शक बनी रहेगी. जज ने मामले को कार्यवाहक चीफ जस्टिस के पास भेजने से पहले ये बातें कही. कोर्ट ने इस पूरे मामले का स्वत: संज्ञान लिया था. 

मामला तरन तारन जिले के एक गांव का है. घटना के मुताबिक, एक युवक की शादी तय हुई. युवक वहां शादी को राजी नहीं था और शादी से पहले दूसरी लड़की के साथ भाग गया. घटना से नाराज युवक के होने वाले ससुरालपक्ष के लोगों ने उसकी 55 साल की मां के साथ मारपीट की और सेमी न्यूड कर परेड कराई. 

पुलिस ने बताया कि युवक के दूसरी लड़की के साथ भाग जाने के बाद यानी 31 मार्च को हुई. जस्टिस संजय वशिष्ट ने मीडिया में आई इस खबर पर स्वत: संज्ञान लिया और जनहित याचिका यानी PIL के तौर पर सुनवाई की. 

सुनवाई के दौरान जस्टिस वशिष्ट ने क्या कहा?

कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस वशिष्ट ने कहा कि घटना के बाद मुझे महाभारत के द्रौपदी चीरहरण की याद आ रही है. उन्होंने कहा कि तब भीष्म पितामह और पांडवों की चुप्पी के कारण महाभारत हुआ था, जिसमें हजारों लोगों का खून बहा था.

उन्होंने कहा कि तरनतारन सेशन डिवीजन के प्रशासनिक जज होने के नाते, मेरी सुविचारित राय है कि इस घटना का संज्ञान न्यायिक पक्ष की ओर से स्वत: संज्ञान लेने की आवश्यकता है क्योंकि हाई कोर्ट ऐसी घटनाओं पर मूकदर्शक नहीं रह सकता है, जहां एक महिला के सम्मान और शील को खुलेआम अपमानित किया जाता है और आवश्यक कदम उठाने के बावजूद, पुलिस और अन्य संबंधित अधिकारी ढुलमुल रवैया दिखाते हैं या अपनाते हैं और त्वरित कार्रवाई शुरू नहीं करते हैं.

जस्टिस वशिष्ठ तरनतारन सेशन डिवीजन के प्रशासनिक जज भी हैं. उन्होंने इस मामले को कार्यवाहक चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया और जस्टिस लपीता बनर्जी की खंडपीठ के सामने रखा, जिसने पंजाब सरकार को प्रस्ताव का नोटिस जारी किया. उधर, पुलिस ने बताया कि घटना के संबंध में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. 

पीड़िता ने अपनी शिकायत में क्या बताया?

55 साल की पीड़िता की ओर से दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक, मेरे बेटे ने शादी से इनकार कर दिया, जिसके बाद उसके होने वाले ससुरालपक्ष के लोग मेरे घर पहुंचे. पहले उन्होंने मेरे बेटे के बारे में पूछताछ की. उस दौरान में घर पर अकेली थी. 

पीड़िता ने आरोप लगाया कि उनके साथ मारपीट की गई. फिर आरोपियों ने उनके कपड़े फाड़ दिए और इसी हालत में गांव में घुमाया. कहा जा रहा है कि पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी है.