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उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन को लगा बड़ा झटका, एक महीने बाद ही बाहर आएंगे 41 मजदूर!

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा है कि रेस्क्यू ऑपरेशन में समय लगेगा. एनडीएमए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि ऑगर ड्रिलिंग मशीन के रास्ते में कई बाधाएं आने के बाद समस्याएं खड़ी हो रही हैं.

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Gyanendra Sharma
उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन को लगा बड़ा झटका, एक महीने बाद ही बाहर आएंगे 41 मजदूर!

Uttarakhand Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सुरंग में फंसे मजदूरों समेत उनके परिवार वालों के लिए एक बुरी खबर सामने आ रही है. ताजा जानकारी के अनुसार, मजदूरों तक पहुंचने के लिए लगाई गई मशीनें फेल हो गई हैं. ऐसे में मैनुअल खुदाई का विकल्प चुना गया है. सुरंग से मजदूरों का रेस्क्यू करने के लिए विदेशी रेस्क्यू एक्सपर्ट की टीमों को लगाया गया है. अब अधिकारियों की ओर से कहा गया है कि 41 मजदूरों को बाहर निकालने में करीब एक महीने का समय लग सकता है.

मशीनों से ड्रिलिंग में आ रही समस्या

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 41 मजदूरों को बचाने के लिए उत्तरकाशी टनल रेस्क्यू ऑपरेशन को अब तक का सबसे बड़ा झटका लगा है. बताया गया है कि जब अमेरिकी-बरमा ड्रिलिंग मशीन शुक्रवार शाम को एक गर्डर से टकरा गई. इसके बाद मशीन का ब्लेड खराब हो गया है. इसी को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने शनिवार को कहा कि सुरंग में बचाव अभियान में समय लगेगा. एनडीएमए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि ऑगर ड्रिलिंग मशीन के रास्ते में कई बाधाएं आने के बाद समस्या खड़ी हो रही हैं.

अब मशीनों का नहीं होगा इस्तेमाल

उधर, एनडीएमए सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने कहा कि मशीन से ड्रिलिंग को रोक दिया गया है. अब मैनुअल तरीके से खुदाई का विकल्प अपनाया जा रहा है. वहीं उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि बचाव दल फंसे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए रास्ता बनाने के लिए मैनुअल ड्रिलिंग करेगा. अधिकारियों की ओर से सामने आया है कि अब ऑपरेशन में मशीनों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा.

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हैदराबाद से आ रहा है प्लाज्मा कटर

सीएम धामी ने एक प्रेसवार्ता में बताया कि सुरंग में फंसी बरमा मशीन को काटने के लिए एक प्लाज्मा कटर का उपयोग किया जाएगा. इस कटर को हैदराबाद से हवाई मार्ग द्वारा लाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसके आज रात तक देहरादून पहुंचने की उम्मीद है. इसके बाद यह (कटर) देर रात तक सिल्क्यारा पहुंच जाएगा. सीएम ने कहा है कि मैनुअल ड्रिलिंग कल सुबह से शुरू होगी. उधर, अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि फंसे हुए 41 लोगों तक पहुंचने के कई रास्ते हैं, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि फिलहाल सब कुछ ठीक है.

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