Uttarkashi Tunnel Accident: बीते 12 नवंबर से उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में फंसे 21 मजदूरों को बचाने की कोशिश जारी है. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. सुरक्षा एजेंसियां मजदूरों को निकालने के लिए एक साथ कई प्लान पर काम कर रही हैं. 20 नवंबर को मजदूरों को 6 इंच के चौड़े पाइप की मदद से पहली दफा खिचड़ी, दलिया और संतरा पहुंचाया गया है. अभी तक किसानों को पानी और ड्राई फ्रूट्स जैसी सामग्री ही भेजी जा रही थी.
सोमवार को रेस्क्यू के दौरान मलबे के आर-बार ड्रिलिंग करके 53 मीटर लंबी 6 इंच व्यास वाली पाइप को मजदूरों तक पहुंचाने में सफलता मिली. इस पाइप के जरिए मजदूरों को खाद्य सामग्री और संचार उपकरण आसानी से भेजे जा सकेंगे.
मजदूरों को अभी तक रेस्क्यू न कर पाने को लेकर उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्रीय एजेंसियों से जवाब देने को कहा है. कोर्ट ने यह बात देहरादून स्थित गैर सरकारी संगठन समाधान की ओर से दायर की गई जनहित याचिका पर एजेंसियों से 48 घंटे के अंदर जवाब देने को कहा है. इस संबंध में हाई कोर्ट 22 नवंबर को अगली सुनवाई करेगा.
राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के निदेशक अंशु मनीष खाल्को ने बताया कि ऑगर मशीन से की जा रही ड्रिलिंग का काम रुका हुआ है. 23 मीटर के बाद रुकावट आ गई है. ऑगर मशीन के जरिए अब मजदूरों का रेस्क्यू करने के लिए हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग जल्द ही शुरू होने की संभावना है.
आपको बताते चलें कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर स्थित सिल्क्यारा सुरंग की केंद्र सरकार 'ऑल वेदर सड़क' परियोजना का हिस्सा है. यह सुरंग 4.5 किलोमीटर लंबी है. बीते 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था जिसके बाद 41 मजदूर सुरंग के अंदर ही फंस गए थे. मजदूरों को निकालने के लिए बीते 10 दिनों से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
सुरंग के बाहर लोगों ने एक छोटा सा अस्थाई मंदिर बना दिया है. इसी मंदिर में लोग मजदूरों की जान के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं. इस मंदिर पर स्थानीय लोग और मजदूरों के परिजन पूजा अर्चना कर रहे हैं.
यह भी पढ़ें- मणिपुर में भड़की हिंसा, स्पेशल फोर्स के जवान समेत 2 की मौत