अमेरिका ने भारत पर अभूतपूर्व 50% टैरिफ लगाने का फैसला किया है, जो 27 अगस्त को प्रभावी हो गया. इस बीच एक अमेरिकी फाइनेंशियल कंपनी जेफरीज की रिपोर्ट के अनुसार, इस कदम के पीछे मुख्य कारण नई दिल्ली का पाकिस्तान के साथ तनाव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मध्यस्थता करने से इनकार करना है. इससे ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार की दावेदारी का मौका हाथ से निकल गया.
जेफरीज़ की रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रंप की "व्यक्तिगत नाराज़गी" के कारण ही अमेरिका ने भारत पर अभूतपूर्व 50% टैरिफ लगाया , जो अमेरिकी व्यापारिक साझेदारों में सबसे ज़्यादा है, और इस तरह दोनों देशों के काफी लंबे समय से चले आ रहे रणनीतिक संबंधों में भारी गिरावट आई. बता दें कि, ये सभी शुल्क 27 अगस्त से लागू हो गए .
ट्रंप की व्यक्तिगत नाराजगी: मध्यस्थता से इनकार ने बिगाड़े रिश्ते
रिपोर्ट में कहा गया है, "शुल्क मुख्य रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति की व्यक्तिगत नाराजगी का परिणाम है कि उन्हें भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चली आ रही कटुता को समाप्त करने में भूमिका निभाने की अनुमति नहीं दी गई. भारत ने बार-बार कहा है कि कश्मीर को लेकर पाकिस्तान के साथ लंबे समय से चल रहे विवाद में वह किसी भी प्रकार की तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं है.
भारत की स्थिति से भलीभांति परिचित होने के बावजूद, राजनीतिक नाटक के माहिर ट्रंप ने शेखी बघारी कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच "परमाणु युद्ध" को रोक दिया है, क्योंकि उन्होंने धमकी दी थी कि यदि वे युद्ध विराम के लिए सहमत नहीं हुए तो वे टैरिफ लगा देंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति ने पिछले कुछ महीनों में कई बार यह दावा दोहराया है, जबकि भारत ने अमेरिका को स्पष्ट रूप से बताया था कि युद्ध विराम पाकिस्तान के साथ सीधे संपर्क के माध्यम से किया गया था.
ट्रंप ने भारत पर क्यों लगाया 50% टैरिफ?
इस साल की शुरुआत में ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की अपनी मांग को पुनः दोहराया था, जिससे नई दिल्ली को ठेस पहुंची थी. अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने भारी आर्थिक लागत की संभावना का सामना करने के बावजूद तीसरे पक्ष की मध्यस्थता न करने की अपनी "लाल रेखा" पर कायम रहा. इससे ट्रंप का अहंकार आहत हुआ और उन्हें अपने उस दावे को प्रचारित करने का अवसर नहीं मिला जिसे वे वैश्विक मान्यता का अंतिम संकेत मानते हैं.
कृषि क्षेत्र: एक और विवादास्पद बिंदु
जेफरीज रिपोर्ट ने कृषि को एक अन्य प्रमुख विवाद का बिंदु बताया है. ट्रंप प्रशासन भारत के कृषि और डेयरी बाजारों में अधिक पहुंच की मांग कर रहा है, जो नई दिल्ली के लिए लाल रेखा है. मार्च से चर्चा में चल रही द्विपक्षीय व्यापार सौदा अब लंबित है. साथ ही रिपोर्ट में जिक्र है कि लगभग 25 करोड़ किसान और मजदूर कृषि पर निर्भर हैं. यह क्षेत्र भारत की कार्यबल का लगभग 40% हिस्सा संभालता है. इन टैरिफ से खासकर निर्यात-निर्भर क्षेत्रों में भारत की अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा.