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3 साल के बच्चे की मां... हरियाणा की महिला ने ऐसे साकार किया IAS बनने का सपना; जान लीजिए टिप्स

Haryana Woman Pragati Rani: पेशे से डॉक्टर, तीन साल के बच्ची की मां.. ने अपने सपने को कभी नहीं छोड़ा और आखिरकार यूपीएससी एग्जाम क्रैक कर लिया. अब वो आईएएस अधिकारी बनने के लिए तैयार हैं.

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haryana woman Pragati Rani

Haryana Woman Pragati Rani: गोद में छह महीने का बेटा, लेकिन सपना बड़ा था. घर की अन्य जिम्मेदारियां भी निभानी थीं. ऐसे में बिना हताश और परेशान हुए हरियाणा की महिला ने एक साल में न तीन प्रतिष्ठित एग्जाम्स को पास किया, बल्कि अब यूपीएससी एग्जाम क्लीयर कर आईएएस बनने के लिए तैयार है. कई बार ऐसा सुझाव दिया गया कि उन्हें अपने सपने को छोड़ देना चाहिए और घर की वर्तमान जिम्मेदारियों को निभाना चाहिए. लेकिन हरियाणा की इस महिला ने किसी भी सूरत में सपने को छोड़ने से इनकार कर दिया और आखिरकार इसे पूरा भी कर लिया.

हम बात कर रहे हैं, कुरूक्षेत्र की रहने वाली 31 साल की प्रगति रानी की. प्रगति रानी पेशे से डॉक्टर हैं. उन्होंने पिछले 2 साल में दो बार UPSC और एक बार हरियाणा सिविल सेवा परीक्षा पास की है. प्रगति ने 2021 में संघ लोक सेवा आयोग यानी UPSC की प्रारंभिक परीक्षा दी थी. कुछ कम मार्क्स आने के कारण वे कटऑफ में जगह नहीं बना पाई. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और 3 साल के बच्चे की मां प्रगति रानी ने अपने पिछले स्कोर को बेहतर करते हुए यूपीएससी परीक्षा में 355वीं रैंक हासिल की और आईएएस अधिकारी बनने के लिए तैयार हैं.

पति घर से बाहर, छह महीने का था बेटा, तब शुरू की तैयारी

प्रगति रानी के मुताबिक, उन्होंने काफी कठिन परिस्थितियों में तैयारी शुरू की थी. जब उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की तो उनके पति डॉ. अतुल वर्मा एमडी की पढ़ाई के लिए बाहर गए थे. अतुल वर्मा पेशे से रेडियोलॉजिस्ट हैं. पति के घर से बाहर रहने के बावजूद प्रगति ने बिना हताश हुए बिना तैयारियों में जुट गईं. उस वक्त उनका बेटा राजवर्धन वर्मा सिर्फ 6 महीने का था. 

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में प्रगति रानी ने बताया कि मैंने घर से ही सिविल सर्विसेज की तैयारी शुरू की. शुरुआत में मुझे पढ़ाई के लिए ज्यादा समय नहीं मिला. मैं अपने बच्चे को नजरअंदाज नहीं कर सकती थी. कभी-कभी उसे, उसकी दादी के पास रख देती थी और अपनी तैयारियों को अंजाम देती थी. फिलहाल वे अंबाला डिविजन कमिश्नर के ओएसडी के पद पर कार्यरत हैं.

बेटे के सोने के बाद तीन से चार घंटे की पढ़ाई

प्रगति रानी के मुताबिक, जब मेरा बेटा सो जाता था, तब मैं रोजाना लगभग तीन या चार घंटे पढ़ाई करती थी. इस तीन-चार घंटे की फोकस्ड पढ़ाई ने बहुत काम किया. मैं हर दिन पढ़ने वाले टॉपिक्स और सब्जेक्ट्स की प्लानिंग करती थी. 2022-23 यूपीएससी परीक्षा में प्रगति रानी को 740वीं रैंक मिली. वे दिल्ली, अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप, दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली में सिविल सेवाओं के लिए तैनात होने के लिए DANICS कैडर हासिल कर सकती थीं। लेकिन, उन्होंने हरियाणा सिविल सेवाओं में शामिल होना पसंद किया क्योंकि वे 2023 में हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) की ओर से आयोजित परीक्षा में दूसरे स्थान पर रहीं थीं.

ट्रेनिंग के बाद, रानी नवंबर 2023 में अंबाला मंडल आयुक्त के यहां स्पेशल ड्यूटी अफसर के रूप में शामिल हुईं. इस बीच, उन्होंने यूपीएससी एग्जाम में अपने स्कोर को बेहतर बनाने के लिए काम करना जारी रखा. उन्होंने कहा कि इस बार तैयारी अधिक कठिन थी, क्योंकि उनका बेटा बड़ा था. उसे पता था कि उसकी मां दूसरे कमरे में पढ़ रही है. वो मेरे पास आता था और मुझसे अपने साथ खेलने के लिए कहता था. 

प्रगति रानी को इस बार आईएएस में जाने की उम्मीद

आखिरकार, प्रगति रानी ने इस साल यूपीएससी परीक्षा में 355वीं रैंक हासिल की. चूंकि वे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कैटेगरी से आती हैं, इसलिए वे इस बार आईएएस में जाने की उम्मीद कर रही हैं. प्रगति रानी ने यूपीएससी के उम्मीदवारों को प्लान बी तैयार रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि इस एग्जाम के लिए 2 साल तक लगातार पढ़ाई की जरूरत होती है. एक साल परीक्षा की तैयारी के लिए और दूसरा साल परीक्षा के तीन चरणों के लिए. इसलिए उम्मीदवारों को इस दौरान अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए. इस परीक्षा को जिंदगी न समझें, बल्कि जिंदगी को भी समय दें. 

बोली- मेरी मां मुझे डॉक्टर बनते देखना चाहती थीं

रोहतक के महम शहर में एसकेजी हाई स्कूल से पढ़ाई के बाद प्रगति रानी राजस्थान के कोटा चली गईं. फिर एमबीबीएस में उनका सिलेक्शन हो गया. PGMIS रोहतक से MBBS की पढ़ाई पूरी की. फिर चंडीगढ़ पीजीआई से एमडी किया. प्रगति एम्स दिल्ली में डॉक्टर के पद पर सेवा करते करते हुए हरियाणा सिविल सेवा (एचसीएस) की तैयारियों में जुटीं. पहले ही प्रयास में दूसरा स्थान भी हासिल किया.

प्रगति ने कहा कि उनके पिता नरेश वर्मा स्कूल टीचर थे. मां सुशील वर्मा हेल्थ डिपार्टमेंट में एक नर्स थीं. उन्होंने बताया कि मेरी मां मुझे डॉक्टर बनते देखना चाहती थीं क्योंकि वह मेडिकल प्रैक्टिशनर नहीं बन सकती थीं. मेरी मां ने नर्सिंग का कोर्स इसलिए किया था क्योंकि मेरे नाना-नानी सोचते थे कि महिलाएं केवल नर्स बन सकती हैं और केवल पुरुष ही डॉक्टर बनने के हकदार हैं. मेरी मां ने मुझे बड़ा सोचना सीखाया. 

रानी ने पांच साल पहले अतुल से शादी की थी. उन्होंने बताया कि अतुल ने ही मुझे सिविल सेवा की पढ़ाई जारी रखने के लिए कहा था, ताकि बाद में मुझे पछताना न पड़े. उन्होंने बताया कि सास कमलेश वर्मा की भी पढ़ाई के दौरान काफी मदद मिली. वे स्कूल प्रिंसिपल पद से रिटायर हुई हैं. रानी के ससुर आरसी वर्मा पूर्व आईएएस अधिकारी रहे हैं, जो वर्तमान में हरियाणा राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण के सदस्य हैं.