नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की उस याचिका पर सुनवाई होने वाली है जिसमें उत्तर प्रदेश के पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की आजीवन कारावास की सजा पर रोक को चुनौती दी गई है. इसी बीच 2017 के उन्नाव बलात्कार कांड की पीड़िता ने रविवार को अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की.
पीड़िता बोली- मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा
उन्नाव बलात्कार पीड़िता ने बोला कि “मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है कि वह मुझे न्याय दिलाएगा मैं हर महिला की आवाज उठा रही हूं… अगर सीबीआई ने यह पहले किया होता, तो मुझे न्याय मिल जाता. कुलदीप सेंगर की जमानत याचिका खारिज हो जाती क्योंकि उन्होंने मेरा बलात्कार किया था."
उन्होंने आगे कहा, “मेरे पिता को मार दिया गया. मेरे परिवार के सदस्यों को मार दिया गया. मेरे परिवार के सदस्यों और गवाहों की सुरक्षा हटा दी गई. मेरे पति को उनकी नौकरी से निकाल दिया गया. मेरे बच्चे घर पर असुरक्षित हैं.”
तीन-जजों की बेंच
भारत के चीफ जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन-जजों की बेंच, जिसमें जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह शामिल हैं. उन्होंने 29 दिसंबर को इस मामले पर सुनवाई करने पर सहमति जताई है क्योंकि सेंगर को उम्रकैद की सजा निलंबित किए जाने के बाद बड़े पैमाने पर गुस्सा भड़क गया था.
CBI ने सेंगर की सजा निलंबित करने और दोषसिद्धि के खिलाफ अपील लंबित रहने के दौरान उन्हें जमानत देने के हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है.
CBI ने यह कहा
इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि POCSO एक्ट की धारा 5(c) और भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2) के तहत गंभीर अपराध के प्रावधान सेंगर के मामले में लागू नहीं होते हैं, क्योंकि उन्हें उन प्रावधानों के तहत "सरकारी कर्मचारी" के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जा सकता है.
इस तर्क को चुनौती देते हुए, CBI ने तर्क दिया है कि हाई कोर्ट की व्याख्या POCSO एक्ट के सुरक्षात्मक ढांचे को काफी कमजोर करती है. आगे चेतावनी दी कि सेंगर को रिहा करने से पीड़िता के जीवन को गंभीर खतरा होगा.
जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन
सेंगर को जमानत देने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ जंतर-मंतर पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हुए. जमानत के खिलाफ विरोध कर रहे एक समूह और 'पुरुष आयोग' के सदस्यों के बीच झड़प हुई, जिन्होंने पूर्व विधायक का समर्थन किया था.