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India Daily

JNU में बवाल, रावण दहन के साथ जलाए गए उमर खालिद के पोस्टर

दशहरा के अवसर पर जेएनयू कैंपस में तनाव देखने को मिला. दावा किया जा रहा है दक्षिणपंथी समूहों ने कथित तौर पर रावण दहन के साथ उमर खालिद के पोस्टर वाले पुतले जलाए

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Edited By: Sagar Bhardwaj
JNU
Courtesy: x

JNU Clash: दशहरा के अवसर पर जेएनयू कैंपस में तनाव देखने को मिला. दावा किया जा रहा है दक्षिणपंथी समूहों ने कथित तौर पर रावण दहन के साथ उमर खालिद के पोस्टर वाले पुतले जलाए. यह पूरी घटना आज शाम जेएनयू साबरमती टी-पॉइंट के पास दुर्गा प्रतिमा विसर्जन समारोह के दौरान हुई. छात्रों के एक समूह ने आरोप लगाया कि वामपंथी छात्रों ने दुर्गा पूजा के जुलूस के दौरान लकड़ी के ब्लॉक फेंके और जुलूस में शामिल होने वाली एक महिला के साथ मारपीट की.

एबीवीपी ने दावा किया कि आईसा, एसएफआई और डीएसएफ जैसे वामपंथा छात्र संगठनों ने विसर्जन में शामिल छात्रों पर हमला किया जिसके जवाब में दक्षिणपंथी समूह ने कथित तौर पर परिसर के अंदर उमर खालिद के पोस्टर लगाकर रावण का पुतला दहन किया. 

प्रशासन की नजर

एबीवीपी ने दावा किया कि एक लड़की के पट्टे से एक छात्र पर हमला किया गया दोनों तरफ के छात्रों ने एक दूसरे को भड़काने का आरोप लगाया है. पूरे हालात पर विश्वविद्यालय का प्रशासन नजर बनाए हुए है.

ABVP ने जारी किया बयान

ABVP ने बयान जारी कर कहा कि विजयादशमी के अवसर पर जेएनयू के साबरमती मैदान में प्रतीकात्म रूप से रावण दहन का आयोजन किया गया.

इस अवसर पर रावण के पुतले को नक्सलवाद, वामपंथ, माओवाद हिंसा और राष्ट्रविरोधी विचारधाराओं के प्रतीक के रूप में जलाया गया था. उमर खालिद, शरजील इमाम, अफजल गुरु, चारु मजूमदार और कानू सान्याल जैसे लोगों को रावण के कई सिरों के रूप में चित्रित किया गया था और उनके विनाश की घोषणा की गई थी.

JNUSU के संयुक्त सचिव ने कहा कि यहां राष्ट्र विरोधी विचारधाराओं का नाश होगा और राष्ट्र निर्माण का संकल्प लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह वही परिसर है जहां भगवान राम की मूर्ति का अपमान किया जाता था और जहां महिषासुर दिवस मनाया जाता था जहां तथाकथित टुकड़े-टुकड़े गैंग आजादी के नारे लगाते थे. आज उनके पुतले जलाकर हमने उन्हें सच्ची आजादी दी है. नक्सलवाद और राष्ट्रविरोधी विचारधाराएं भारत की एकता और लोकतंत्र के लिए कैंसर हैं. उन्होंने कहा कि जेएनयू के छात्र देश की आवाज हैं और हम साफ कर देना चाहते हैं कि यहां देश को तोड़ने वाली ताकतों की कोई जगह नहीं है.

JNSU ने जारी किया बयान

इस बीच जेएनएसयू ने सवाल उठाया कि एबीवीपी दो पूर्व छात्रों उमर खालिद और शरजील इमाम को रावण के रूप में कैसे चित्रित कर सकती है.

संगठन ने कहा कि अगर एबीवीपी को देश की इतनी ही चिंता है तो नाथूराम गोडसे का चेहरा रावण के रूप में क्यों नहीं लगाया? वे शरजील और उमर पर सार्वजनिक मुकदमा कैसे चला सकते हैं जबकि उनके मामले अभी विचाराधीन हैं.

बाबा राम रहीम को क्यों नहीं दिखाया

संगठन ने सवाल उठाया कि एबीवीपी ने बाबा राम रहीम का पोस्टर क्यों नहीं जलाया जो एक सजायाफ्ता सीरियल यौन अपराधी है और जेल में सजा काट रहा है लेकिन हरियाणा में हर बार चुनाव आने पर उसे सुविधाजनक रूप से पैरोल मिल जाती है ताकि बीजेपी के लिए वोट जुटा सके.

JNSU ने कहा कि 2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों में अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा मुख्य अपराधी थे, वे खुले आम सांप्रदायिक जगह उगलते रहे हैं फिर भी उन्हें आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया और न ही उन पर मुकदमा चलाया गया.