कुपवाड़ा: भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को जम्मू और कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में घुसपैठ की जानकारी मिली है. यह जानकारी केरन सेक्टर में लाइन ऑफ कंट्रोल के पास मिली. इस पर कार्रवाई करते हुए भारतीय सेना और पैरामिलिट्री फोर्स ने आतंकवादियों को भारतीय इलाके में घुसने से रोकने के लिए एक ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू किया. इस मुठभेड़ में दो आतंकवादी मारे गए. अभी भी सर्च ऑपरेशन जारी है.
LoC के पास रेगुलर पेट्रोलिंग की जा रही है. भारतीय सैनिकों ने रात में कुछ संदिग्ध हरकत देखी. जब सैनिकों ने इन्हें चुनौती दी तो उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. फिर सुरक्षाबलों ने भी जवाब दिया. यह हमला पहाड़ी इलाके में हुआ. सुरक्षा बलों ने तुरंत इलाके को घेर लिया और आतंकवादियों को भागने से रोकने के लिए सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया.
OP PIMPLE, Keran, Kupwara
— Chinar Corps🍁 - Indian Army (@ChinarcorpsIA) November 8, 2025
On 07 Nov 2025, based on specific intelligence input from agencies, regarding infiltration attempt, a joint operation was launched in Keran sector of Kupwara. Alert troops spotted suspicious activity and challenged which resulted in terrorists opening… pic.twitter.com/Yu1nLkPQG6
सेना और पैरामिलिट्री यूनिट्स ने तेजी से कार्रवाई की जिससे आतंकवादियों को केरन के जंगल इलाके में फंसाने में मदद मिली. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, गोलीबारी कई घंटों तक चली. सुरक्षा बलों ने इलाके की अच्छी तरह से तलाशी ली जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि आस-पास कोई और आतंकवादी तो नहीं छिपा है. इस दौरान सैनिक हाई अलर्ट पर रहे, जिससे दोबारा घुसपैठ न की जा सके.
अधिकारियों ने बताया कि ऐसी घुसपैठ की कोशिशें आमतौर पर सर्दियों से पहले बढ़ जाती हैं, क्योंकि बाद में भारी बर्फबारी से सीमा के साथ ज्यादातर रास्ते बंद हो जाते हैं. आतंकवादी ग्रुप पहाड़ों के दर्रे बंद होने से पहले घुसने की कोशिश करते हैं. इसी वजह से, भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों ने सीमावर्ती इलाकों में अपनी निगरानी और पेट्रोलिंग बढ़ा दी है जिससे किसी भी सीमा पार आवाजाही को रोका जा सके.
सुरक्षा बलों ने घुसपैठ को सफलतापूर्वक रोक दिया है. अब यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई और आतंकवादी इलाके में बचा न हो. फिलहाल ज्वाइंट ऑपरेशन जारी है. सुरक्षा बल सीमा पर मज़बूत मौजूदगी बनाए हुए हैं. अधिकारियों ने कहा कि लगातार तालमेल, रियल-टाइम इंटेलिजेंस शेयरिंग और तेजी से जवाब देना भारत की सीमा की रक्षा करने और भविष्य में घुसपैठ की कोशिशों को रोकने के लिए जरूरी है.